स्कूल की जर्जर बिल्डिंग बनी मौत का सबब, बारिश के बीच भरभराकर गिरी छत, चीख-पुकार मच गई
झालावाड़
राजस्थान के झालावाड़ जिले के मनोहरथाना क्षेत्र में शुक्रवार सुबह दर्दनाक हादसे में पांच मासूम बच्चों की मौत हो गई, जबकि 28 से अधिक छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा मनोहरथाना ब्लॉक के पीपलोदी गांव स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय की जर्जर बिल्डिंग की छत गिरने से हुआ।
सुबह करीब 8 बजे स्कूल की एक कक्षा में पढ़ाई चल रही थी, तभी अचानक तेज बारिश के बीच कक्षा की छत भरभराकर गिर गई। हादसे के समय कक्षा में करीब 50 से अधिक छात्र मौजूद थे। अचानक हुए इस हादसे से स्कूल परिसर में चीख-पुकार मच गई। ग्रामीण और शिक्षक तत्काल मदद के लिए दौड़े और मलबा हटाने का प्रयास शुरू किया।

मलबे में दबे बच्चों को ग्रामीणों, स्कूल स्टाफ और आसपास मौजूद लोगों ने कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला। निजी वाहनों की मदद से घायलों को मनोहरथाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया।
मनोहरथाना सीएचसी के चिकित्सा अधिकारी डॉ. कौशल लोढ़ा ने बताया कि “अस्पताल में कुल 35 घायल छात्र लाए गए, जिनमें से 9 को गंभीर हालत में झालावाड़ जिला अस्पताल रेफर किया गया है। बाकी छात्रों का प्राथमिक उपचार किया गया है।”
दुर्भाग्य से हादसे में 5 बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई। वही 2 की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हुई है । मृतकों की पहचान पायल (14) पुत्री लक्ष्मण, प्रियंका (14) पुत्री मांगीलाल, कार्तिक (8) पुत्र हरकचंद, हरीश (8) पुत्र बाबूलाल, कान्हा पुत्र छोटूलाल, कुन्दन (12) पुत्र बिरम के रूप में हुई है। दो बच्चों की पहचान नहीं हुई।

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। जेसीबी मशीनों की सहायता से राहत व बचाव कार्य चलाया गया है । जिला कलेक्टर और एसपी ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया और जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के संकेत दिए।
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह स्कूल भवन बेहद जर्जर हालत में था। कई बार बारिश के दौरान छत से पानी टपकने की शिकायतें भी हो चुकी थीं, लेकिन मरम्मत या नया भवन देने की ओर कभी ध्यान नहीं दिया गया।

इस हादसे ने एक बार फिर प्रदेश के सरकारी स्कूलों की जर्जर दशा और बच्चों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसे स्कूलों में पढ़ रहे हजारों बच्चों की जान हर दिन खतरे में है।
प्रशासन की ओर से मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, शिक्षा विभाग ने संबंधित भवन की स्थिति की रिपोर्ट तलब की है।
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