दिलखुश मीणा
सावर (अजमेर)। गांव के खेतों में रविवार की सुबह मौत का मंजर देखने को मिला। मेहरूकला पंचायत क्षेत्र के बालापुरा गांव में राष्ट्रीय पक्षी मोर का जीवन संकट में पड़ गया। खेत किनारे दो मोर बेसुध अवस्था में मिले, जिनमें से एक मादा मोर ने दम तोड़ दिया, जबकि दूसरा मोर वन विभाग की मुस्तैदी से मौत के मुंह से खींचकर निकाला गया।
स्थानीय किसान सांवरिया ने जब खेत में दो मोरों को तड़पते देखा, तो उसने तुरंत बालाजी गौवंश सेवा समिति के जिलाध्यक्ष राहुल पारीक को सूचित किया। पारीक ने तेज़ी दिखाते हुए वन विभाग को खबर दी। वनरक्षक बबली मीणा और लोकेश वर्मा पलक झपकते ही मौके पर पहुंचे और घायल मोर को उठाकर सावर पशु चिकित्सालय ले गए।
रविवार होने से चिकित्सालय में स्टाफ अनुपस्थित था, लेकिन विभाग ने हार नहीं मानी। चिकित्सकीय वैन के जरिए घायल मोर का प्राथमिक उपचार शुरू करवाया। वहीं मृत मोरनी का पोस्टमार्टम भी कराया गया। वन विभाग के मुताबिक घायल मोर की हालत फिलहाल स्थिर है और उसे सावर वन नाके पर निगरानी में रखा गया है।
अधिकारियों का मानना है कि जहरीले दाने या कीटनाशक इसका कारण हो सकते हैं। नमूनों की जांच करवाई जा रही है, जिसकी रिपोर्ट अगले 4–5 दिन में आएगी।