तिलस्वा महादेव मंदिर विवाद: ट्रस्ट और संघर्ष समिति के बीच विवाद पर जांच कमेटी सक्रिय, रिकॉर्ड खंगाले, पारदर्शिता के निर्देश

BHILWARA BIJOLIYA
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तिलस्वा। तिलस्वा महादेव मंदिर ट्रस्ट और संघर्ष समिति के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद के समाधान की दिशा में सोमवार को जिला प्रशासन ने सक्रियता दिखाई। भीलवाड़ा जिला कलेक्टर जसमीत सिंह संधु के निर्देश पर गठित प्रशासनिक जांच कमेटी मंदिर ट्रस्ट कार्यालय पहुंची और विवाद से जुड़े विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की।

कमेटी में शामिल एडीएम सिटी प्रतिभा देवेटीया, उपखंड अधिकारी अजीत सिंह राठौड़, तहसीलदार ललित डीडवानिया और सहकारी बैंक के मुख्य प्रबंधक आलोक जैन सहित अन्य अधिकारियों ने ट्रस्ट पदाधिकारियों से ट्रस्ट की चल-अचल संपत्तियों, आय के स्रोतों, वर्तमान कर्मचारियों, दस्तावेजी अभिलेखों और सुरक्षा व्यवस्थाओं की जानकारी ली।

20 वर्षों का रिकॉर्ड वार्षिक रूप से मेंटेन करने के निर्देश

कमेटी ने ट्रस्ट को निर्देशित किया कि वह बीते 20 वर्षों का संपूर्ण लेखा-जोखा वार्षिक रूप में व्यवस्थित करें। साथ ही ट्रस्ट कार्यालय में सीसीटीवी कैमरे लगाने, कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन कराने, और सभी दस्तावेजों को सूचीबद्ध कर पारदर्शी रूप से जांच के लिए प्रस्तुत करने को कहा गया।

संघर्ष समिति को भी दिए निर्देश

कमेटी ने संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों से भी आगामी दो दिनों में अपनी मांगें लिखित रूप से जिला कलेक्टर को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए और स्पष्ट किया कि मंदिर में शांति बनाए रखना दोनों पक्षों की जिम्मेदारी है।

निजी बाउंसर की नियुक्ति पर उठे सवाल

जांच के दौरान समिति ने ट्रस्ट द्वारा बाउंसरो की नियुक्ति का मामला भी सामने रखा और मनमाने तरीके से पैसों का दुरपयोग करने की बात कही । इस पर ट्रस्ट सचिव मांगीलाल धाकड़ ने कमेटी को बताया कि पिछले कुछ महीनों से ट्रस्ट पर लगातार दबाव और झगड़े की स्थिति बनी हुई है, जिसके चलते कर्मचारी भयभीत हैं। ऐसे में कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा कर्मी की अस्थायी तैनाती की गई है। ये सभी ट्रस्ट के कार्य में लगे हुए है।

पारदर्शिता पर विशेष जोर

कमेटी ने स्पष्ट किया कि श्रद्धालुओं के हितों की रक्षा और ट्रस्ट की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाना प्राथमिकता है। चूंकि दस्तावेज व रिकॉर्ड बहुत पुराने हैं, जांच प्रक्रिया को पूरा करने में थोड़ा समय लग सकता है।

बैठक में संघर्ष समिति के कौशल शर्मा, रणजीत सिंह, ट्रस्ट अध्यक्ष रमेश चंद्र अहीर, सचिव मांगीलाल धाकड़ सहित दोनों पक्षों के कई पदाधिकारी मौजूद रहे।

प्रशासन ने सभी पक्षों से सद्भाव और संयम बनाए रखने की अपील की है ताकि मंदिर परिसर में धार्मिक वातावरण और श्रद्धालुओं की आस्था अक्षुण्ण बनी रहे।