गुरला ;- ( बद्री लाल माली ) नेशनल हाईवे 758 स्थित गुरला में बछ बारस के पर्व को महिलाओं द्वारा बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. सुबह से ही बछ बारस के त्योहार के मौके पर गौ माता व बछड़े की पूजा करने के लिए महिलाओं की भीड़ देखने को मिल रही है. यह त्योहार महिलाएं अपने पुत्र के लंबी उम्र व स्वस्थ जीवन के लिए मनाती है.
गुरला में बुधवार को बछ बारस श्रद्धा व उल्लास से मनाई गई. महिलाओं ने सुबह मंगल गीत गाते हुए गाय व बछड़े के सिर पर तिलक लगाकर विधि-विधान के साथ उनका पूजन किया. गायों को चूनरी ओढ़ाई. इसके मोहल्लों में घर के आगे गाय के गोबर से बनी तलाई बनाकर उसमें पानी भरा और बछ बारस की कथा का श्रवण किया. मान्यता है कि बछ बारस करने से बेटों की उम्र लम्बी होती है और उनके जीवन में खुशहाली रहती है. महिलाओं ने बताया कि आज के दिन बछ बारस पर गाय के दूध से बने उत्पादो का उपयोग नही किया जाता है. इस दिन गेहूं और चाकू एवं धारदार किसी चीज से कटी हुई वस्तु का इस्तेमाल नही किया जाता है. इसके स्थान पर बाजरा या मक्का से बनी खाद्य वस्तुओं अंकुरित चना, मूंग-मोठ की सब्जी का उपयोग होता है. जिसका पूजन के बाद परिजनों के साथ महिलाओं ने आनन्द लिया पौराणिक जानकारी के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद माता यशोदा ने इस दिन गौ माता का दर्शन और पूजन किया था. जिस गौ माता को स्वयं भगवान कृष्ण नंगे पांव जंगल-जंगल चराते फिरे हो और जिन्होंने अपना नाम ही गोपाल रख लिया हो उसकी रक्षा के लिए उन्होंने गोकुल में अवतार लिया. ऐसे में गौमाता की रक्षा करना और उनका पूजन करना हर भारतवंशी का धर्म है. इस अवसर पर गाय और बछड़े की पूजा की जाती है. भारतीय धार्मिक पुराणो में गौ माता में समस्त तीर्थ होने की बात कही गई है.
