बिजौलिया (भीलवाड़ा फोकस)
कांग्रेस संगठन की नियुक्तियों पर एक बार फिर सवाल उठ खड़े हुए हैं। मांडलगढ़ विधायक गोपाल खंडेलवाल के जन्मदिन पर आयोजित कार्यक्रम में सदाराम जी का खेड़ा मंडल कांग्रेस अध्यक्ष गोपाल बैरागी द्वारा मंच पर केक काटते हुए स्वागत करना ही काफी नहीं था — बैरागी ने स्वयं सोशल मीडिया पर विधायक के साथ तस्वीर साझा कर भारतीय जनता पार्टी जॉइन करने की घोषणा भी कर दी।

यह तस्वीर और पोस्ट रविवार को वायरल हुई, जिसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जबरदस्त नाराज़गी फूट पड़ी है। पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं ने इसे कांग्रेस संगठन के लिए “खतरे की घंटी” बताया है।

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कांग्रेस ने पिछले महीने की थी नियुक्ति, अब सामने आया असली चेहरा
पार्टी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस ने बीते माह बिजौलिया उपखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों में मंडल अध्यक्षों की घोषणा की थी, जिसमें गोपाल बैरागी को सदाराम जी का खेड़ा क्षेत्र का मंडल अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। लेकिन अब उनकी भाजपा में सार्वजनिक सक्रियता और खुद की घोषित निष्ठा ने कांग्रेस नेतृत्व को असहज स्थिति में ला खड़ा किया है।

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बैरागी का कबूलनामा: कांग्रेस से कोई नाता नहीं, विधायक के कहने पर भाजपा जॉइन की
बैरागी ने खुद कहा है—
“मैं कभी कांग्रेस का सक्रिय सदस्य नहीं रहा। मुझे बिजौलिया के जिला परिषद सदस्य अंकित तिवाड़ी द्वारा कांग्रेस मंडल अध्यक्ष बनाए जाने की बात कही गई थी, लेकिन मैंने मना कर दिया था। मेरा कांग्रेस से कोई दस्तावेजी संबंध नहीं है। मैं भाजपा विचारधारा से जुड़ा हूं और विधायक श्री गोपाल खंडेलवाल के मार्गदर्शन में क्षेत्र की सेवा के लिए भाजपा जॉइन की है।”
इसके साथ ही बैरागी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भाजपा जॉइनिंग की घोषणा करते हुए विधायक के साथ कई तस्वीरें साझा कीं, जिसमें वे केक काटते व स्वागत करते नजर आए।
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कांग्रेस कार्यकर्ताओं का फूटा गुस्सा, सोशल मीडिया पर हो रहा विरोध प्रदर्शन
बैरागी की वायरल पोस्ट और तस्वीरों ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच असंतोष की आग भड़का दी है।
स्थानीय कार्यकर्ता लगातार सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुप्स में संदेश प्रसारित कर रहे हैं, जिसमें मांग की जा रही है:
• बैरागी की तत्काल संगठन से छुट्टी हो,
• जिन्होंने नाम सुझाया उनकी भूमिका की जांच हो,
• और ऐसी नियुक्तियों पर रोक लगे जो पार्टी की मूल विचारधारा को कमजोर करती हैं।
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जिला परिषद सदस्य अंकित तिवाड़ी बोले — “जांच कर बताऊंगा”
जब इस मामले में कांग्रेस के बिजौलिया जिला परिषद सदस्य अंकित तिवाड़ी से सवाल पूछा गया कि क्या उन्होंने ही बैरागी की सिफारिश की थी, तो उनका जवाब था:
“मैं मामले की जानकारी लेकर ही कुछ कह पाऊंगा।”
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संगठन में घुसपैठ या लापरवाही? कांग्रेस नेतृत्व के लिए बड़ा इम्तिहान
इस घटनाक्रम ने कांग्रेस के आंतरिक संगठनात्मक ढांचे और नियुक्ति प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का कहना है:
“जो कार्यकर्ता वर्षों से कांग्रेस के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, उन्हें नजरअंदाज कर ऐसे लोगों को पद दिए जा रहे हैं जो पार्टी की निष्ठा को ही नहीं मानते। इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट रहा है और संगठन कमजोर हो रहा है।”
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चर्चा का विषय बना मामला, कांग्रेस के सामने आत्ममंथन की जरूरत
बैरागी का भाजपा प्रेम, सोशल मीडिया पर खुली घोषणा, और कांग्रेस संगठन में दी गई जिम्मेदारी — इन तीनों बातों ने कांग्रेस को संकट में डाल दिया है।
अब देखना है कि क्या पार्टी इस मामले में उदाहरण पेश कर कड़ा कदम उठाती है या यह मामला संगठनात्मक कमजोरी का प्रतीक बनकर रह जाएगा।
