भीलवाड़ा : राजकुमार गोयल
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के जालिया रानिकपुरा फाई और देवपुरा गांवों के किसानों ने जिंदल सॉ लिमिटेड द्वारा लापिया पॉइंट पर की जा रही अवैध ब्लास्टिंग के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है। किसानों ने बनेडा उपखंड अधिकारी, और तहसीलदार को एक ज्ञापन सौंपकर अवैध खनन और ब्लास्टिंग को तत्काल बंद करने की मांग की है। उनका कहना है कि यह गतिविधि न केवल उनके घरों और खेतों को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि उनकी जान को भी खतरे में डाल रही है।
किसानों का आरोप है कि जिंदल सॉ लिमिटेड की ब्लास्टिंग के कारण उनके घरों पर बड़े-बड़े पत्थर गिर रहे हैं, जिससे कई मकान ढह गए और दीवारों में दरारें पड़ गई हैं। यह ब्लास्टिंग गांव की आबादी से मात्र 300 मीटर की दूरी पर हो रही है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। ग्रामीणों ने बताया कि भीलवाड़ा कोर्ट ने इस अवैध ब्लास्टिंग पर सख्त रोक लगाई थी, लेकिन प्रशासन और कंपनी द्वारा कोर्ट के आदेशों की अवहेलना की जा रही है।
पिछले 205 दिनों तक चले धरने के बाद जिला प्रशासन और कंपनी के बीच एक समझौता हुआ था, जिसमें 31 अगस्त 2025 तक ठेकेदार को हटाने और लिखित शर्तों को लागू करने का वादा किया गया था। लेकिन किसानों का कहना है कि आठ महीने बीत जाने के बावजूद शर्तें पूरी नहीं हुई हैं। नाराज किसान पिछले 59 दिनों से लापिया पॉइंट पर फिर से धरना दे रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि कोर्ट के आदेशों का पालन हो और अवैध ब्लास्टिंग तुरंत बंद की जाए।
किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि 1 सितंबर 2025 से ठेकेदार को नहीं हटाया गया और शर्तें लागू नहीं हुईं, तो वे लापिया पॉइंट पर तेज आंदोलन शुरू करेंगे और किसी भी हालत में ब्लास्टिंग या खनन नहीं होने देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे अपनी जान की कुर्बानी देने से भी नहीं हिचकेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन और राजस्थान सरकार की होगी।
किसानों ने ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया कि उन्हें कंपनी और ठेकेदारों से जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं, और उनके खेतों में गुंडे घुसकर नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बावजूद, जिला प्रशासन और पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
यह मामला अब गंभीर रूप ले चुका है, और किसानों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। अगर प्रशासन ने जल्द ही इस मुद्दे का समाधान नहीं किया, तो भीलवाड़ा में बड़े पैमाने पर आंदोलन की संभावना है।