ग्रामीणों ने हवन-पूजन कर क्षेत्र की खुशहाली और अच्छी वर्षा की कामना

_विक्रम सिंह @काछोला_
अरावली पर्वतमाला की सुरम्य घाटी में बसे काछोला कस्बे में रविवार को परंपरागत ब्रह्मभोज का आयोजन बड़े धूमधाम से किया गया। इस अवसर पर कस्बे का बाजार दोपहर तक पूरी तरह बंद रहा। आयोजन के चलते पूरे क्षेत्र में आस्था और भक्ति का वातावरण बना रहा।
सुबह से ही कस्बे और आसपास के गांवों के ग्रामीण बड़ी संख्या में बावन माता मंदिर पहुंचे। ढोल-नगाड़ों और पारंपरिक वाद्ययंत्रों की गूंज के बीच श्रद्धालुओं ने माता के जयकारे लगाए। मंदिर प्रांगण में विधि-विधान से पूजा-अर्चना, अनुष्ठान और हवन संपन्न हुआ।
ग्रामीणों ने मां के चरणों में नारियल, फल-फूल और धूप-दीप अर्पित कर क्षेत्र की सुख-समृद्धि, कृषि में उन्नति और अच्छी वर्षा की मंगल कामना की।
काछोला ठाकुर वंश प्रदीप सिंह सोलंकी ने बताया कि यह आयोजन कस्बे की सामूहिक आस्था और परंपरा का हिस्सा है। ग्रामीण हर साल मिलकर ब्रह्मभोज का आयोजन करते हैं, जिससे समाज में एकजुटता और भाईचारा बना रहता है। उनका कहना है कि यह केवल धार्मिक कार्यक्रम ही नहीं बल्कि ग्रामीण संस्कृति और लोक आस्था का पर्व है।
*रक्षक देवी मानी जाती हैं बावन माता*
राजेंद्र सिंह ( गुड्डू बन्ना ) ने बताया कि ग्रामीण मान्यता है कि बावन माता जी गाँव की रक्षक देवी हैं। कहा जाता है कि माता की कृपा से क्षेत्र में विपत्ति टलती है और हर वर्ष समय पर वर्षा होती है। इसी आस्था के कारण कस्बे और आसपास के गांवों के लोग मिलकर नियमित रूप से मंदिर में अनुष्ठान और हवन करते हैं।
इतिहासकारों का कहना है कि अरावली पर्वत श्रृंखला पर स्थित बावन माता मंदिर प्राचीन काल से ग्रामीण आस्था का केंद्र रहा है। यहां हर वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं और विशेष अवसरों पर मेले जैसे दृश्य देखने को मिलते हैं।
आयोजन के दौरान मंदिर परिसर भक्ति और उत्साह से सराबोर रहा। महिलाओं ने पारंपरिक परिधान में मंगल गीत गाए, बच्चों और युवाओं ने सेवा कार्यों में भाग लिया। अनुष्ठान पूर्ण होने के बाद दोपहर में ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से प्रसादी स्वरूप भोजन ग्रहण किया आयोजन के दौरान काछोला ठाकुर वंश प्रदीप सिंह सोलंकी राजेंद्र सिंह गुड्डू बन्ना हेमेंद्र सिंह पप्पू धाकड़ कैलाश धाकड़ नारायण माली आदि ग्रामीण व समाजजन मौजूद रहे