बिजौलिया (नरेश धाकड़ )। दो सप्ताह के अंतराल के बाद मानसून ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। शुक्रवार सुबह से हुई करीब दो घंटे की झमाझम बारिश ने जहां लोगों को गर्मी से राहत दी, वहीं नगर की सफाई व्यवस्था की पोल भी खोल दी। जगह-जगह नालों का गंदा पानी सड़कों पर बह निकला और कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई है ।

वही, क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश से विश्वविख्यात मेनाल जलप्रपात भी अपने पूरे यौवन पर बहने लगा है। झरने के शुरू होने पर पानी की तेज धाराओं ने प्राकृतिक सौंदर्य को और निखार दिया है। करीब 150 फीट गहरी घाटी में गिरती जलधारा का रोमांचकारी नजारा सैलानियों को आकर्षित कर रहा है।

मेनाल, जो बिजौलिया से लगभग 20 किलोमीटर दूर चित्तौड़गढ़ जिले की सीमा पर स्थित है, न केवल प्राकृतिक सौंदर्य बल्कि ऐतिहासिक महत्व के कारण भी प्रसिद्ध है। यहां के प्राचीन मंदिरों की दीवारों पर की गई बारीक नक्काशी और स्थापत्य कला इस क्षेत्र के गौरवशाली अतीत की झलक पेश करती है।

बारिश के बाद झरने की गर्जना, हरियाली से घिरी घाटी और मंदिरों का संगम मेनाल को एक आध्यात्मिक और प्राकृतिक तीर्थ का रूप देता है। मानसून की बहार के साथ यह इलाका एक बार फिर पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों का केंद्र बन गया है।