*सत्यनारायण सेन गुरला*
गुरलां / गंगापुर : Bhilwara News: आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे देश में भीलवाड़ा जिले का गंगापुर आज तक समग्र रूप से रेल सेवा से नहीं जुड़ पाया हैं।
Rajasthan News: आत्मनिर्भर भारत, विकसित भारत और दुनिया में शक्ति बनकर उभरते भारत के राजस्थान के मेवाड़ में भीलवाड़ा जिले गंगापुर क्षेत्र में कोई सहाड़ा तहसील के लोग यह कहे कि उन्हें आज भी छुकछुक करती आती रेल गाड़ी आने का इंतजार है तो अजीब लगता है।
लेकिन यह सत्य है कि आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे देश में भीलवाड़ा जिले के गुरलां गंगापुर पोटला कुरज कुंवारिया आज तक समग्र रूप से रेल सेवा से नहीं जुड़ पाया हैं। जिले के पुराने रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प हो रहा है, मीटर गेज से ब्रॉडगेज बनी रेले लाइनों का दोहरीकरण हो रहा है, बिजली से रेल गाड़ियां चल रही हैं, बुलेट ट्रेन भी शीघ्र ही शुरू होने वाली है इसके बावजूद भी जो रेल सेवा से वंचित है ऐसे क्षेत्र की ओर जरा भी ध्यान नहीं दिया जा रहा हैं।

*बीते दशकों में सर्वेक्षण का सफर*
सूत्रों के अनुसार वर्ष 2011 से 2014 में तात्कालिक रेलवे मंत्री सीपी जोशी ने ही भीलवाड़ा से नाथद्वारा वाया गुरलाॅ गंगापुर पोटला कुरज कुंवारिया , कांकरोली , राजसमंद नई रेलवे लाइन के लिए सर्वे किया गया। आरईसीटी सर्वेक्षण में करीब 111 किलोमीटर नई रेल लाइन बिछाने के लिए लगभग 916.87 करोड़ रुपए की लागत आंकी गई। इन प्रस्तावों के साथ 2013-14 सर्वे पूरा होने पर रेलवे विभाग को रिपोर्ट भी रेलवे बोर्ड को भेजी गई लेकिन इस पर कोई स्वीकृति की मोहर तक नहीं लग पाई।
*विकास, पर्यटन रोजगार उधोगों के लिए आवश्यक*
गुरलां, गंगापुर पोटला कुरज कुंवारिया तक
जानकारी के अनुसार आजादी से पहले रेल सेवा से जुड़ने की मांग आगे नहीं बढ़ पाई है। देश प्रदेश की राजनीति में हस्तक्षेप रखने वाले गंगापुर क्षेत्र के गुरलां, कारोई ,पोटला ,कुरज ,कुंवारिया का प्रतिनधित्व करने वाले राजनीतिक दलों के नेता आज तक गंगापुर क्षेत्र में रेल सेवाओं के विस्तार नहीं दे पाए हैं। जबकि जिले का औद्योगिक और उद्यमियों, आईसक्रीम , मिनरल्स मार्बल का शहर है पर्यटन, रोजगार, विकास हेतु गंगापुर जो रेल सेवाओं की दृष्टि से अग्रणीय रहने वाले भीलवाड़ा जिले की प्रमुख तहसील है। फिर आसपास के जिलों के स्टेशन तो क्या यह भीलवाड़ा जिला मुख्यालय तक से नहीं जुड़ पाया है।
*111 किमी रेलवे लाइन 916.87 करोड़ की परियोजना*
भीलवाडा से नाथद्वारा वाया गुरला गंगापुर पोटला कुरज कुंवारिया नई रेल लाइन
व्यापारिक, उद्योग और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्र तक नई लाइन के लिए सर्वे किया। आरईसीटी सर्वेक्षण में 111 किलोमीटर लंबाई की नई रेल लाइन के लिए करीब 916.87 करोड़ रुपए प्रस्तावित कर रिपोर्ट प्रस्तुत की।
*नई रेलवे लाइन की दुरी हुई कम तो बजट में भी कमी संभव*
सत्यनारायण सेन गुरला ने कहा कि पुर्व में भीलवाड़ा से नाथद्वारा नई रेलवे लाइन 111 किलोमीटर लम्बी रेलवे परियोजना थी परन्तु मावली से मारवाड़ नई ब्रोड गेज रेल लाइन की स्वीकृति होने पर अब भीलवाड़ा से कुंवारियां तक ही 75 किलोमीटर नई रेलवे लाइन की आवश्यकता होगी 36 किलोमीटर रेलवे लाइन कम निर्माण कार्य करना पड़ेगा इसलिए बजट भी कम होगा

*आरपार की लड़ाई के मूड में आया गंगापुर*
अमृत महोत्सव आते आते रेल सेवाओं के विस्तार से वंचित गंगापुर अब आरपार की लड़ाई लड़ने के मूड में आ गया है। इसके लिए अभी हाल ही में सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गंगापुर रेल विस्तार संघर्ष समिति का गठन कर रणनीति बनाकर संघर्ष करने की ठानी है।
*चरणबद्ध चलाएंगे अभियान*
नव गठित गंगापुर रेल विस्तार संघर्ष समिति के अध्यक्ष रामप्रसाद माली गंगापुर व सदस्य सत्यनारायण सेन गुरला का कहना था कि आज तक सर्वे खूब हुए लेकिन धरातल पर एक भी नहीं उतरा इसलिए गंगापुर क्षेत्र में गुरलां, कारोई, पोटला कुरज कुंवारिया, साथ ही महेंद्रगढ़, कोशिथल ,रायपुर से जोड़ने सहित रेल सेवा विस्तार करवाना समिति का लक्ष्य है।
*जनप्रतिनिधि अधिकारियों को कराएंगे अवगत*
उन्होंने बताया अभी हाल ही में बहुत नई रेलवे लाइन की घोषणा हुई लेकिन अभी तक शुरू नहीं किया गया। इन सभी मांगों को लेकर समिति संभाग के जनप्रतिनिधियों को साथ लेकर पहले रेल मंत्री से मिलेगी। पोस्टकार्ड अभियान चलाया जाएगा और जरूरत के अनुसार चरणबद्ध अभियान चलाकर जन आंदोलन किया जाएगा।
*रेल सेवा विस्तार की आवश्यकता*
समिति सदस्य सत्यनारायण सेन गुरला का कहना है कि रेल सेवाओं के विस्तार में उपेक्षित रहे गंगापुर में रेल गाड़ियां चले, क्षेत्र देश और प्रदेश की राजधानी से लेकर महानगर से सीधा जुड़े यह वर्तमान की आवश्यकता है। समिति और शहरवासी एक जाजम पर बैठकर रेल सेवाओं में विस्तार के उद्देश्य से रणनीति बनाकर जनआंदोलन खड़ा करेगी। यह क्षेत्र और जिला सम्पूर्ण रेल सेवाओं से जुड़े यह जरूरी है।
*गंगापुर क्षेत्र में रेलवे विस्तार की आवश्यकता*
रेल सेवा से जुड़े भीलवाड़ा में रेल सेवाओं के विस्तार की कवायद तो 1954 से हो गई थी। नई रेल पटरिया डालने से लेकर निकटवर्ती जिलों के रेल नेटवर्क से जोड़ने के लिए सर्वे भी खूब हुए, लोकसभा और राज्यसभा में जिले का नेतृत्व करने वाले सांसदों ने हर रेल बजट और वर्तमान तक के बजट में रेल सेवाओं के विस्तार का मुद्दा भी उठाते रहे, लेकिन इसके बावजूद है कि यह क्षेत्र विस्तार की रेल पटरी पर सफर नहीं कर पाया।