बीगोद@सहकारी समितियों के कार्मिको ने सदस्यता अभियान का किया बहिष्कार

BHILWARA
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राजस्थान सहकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति जयपुर के आह्वान पर निर्देशानुसार चार सूत्रीय मांगों को लेकर भीलवाड़ा जिले के ग्राम सेवा सहकारी समिति खटवाडा एवं बीगोद में कार्मिकों ने समितियां को बंद रखकर सदस्यता अभियान का बहिष्कार किया। राज्य सरकार एवं भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे सहकार सदस्य अभियान 2 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक के पहले दिन ही समस्त सहकारी समितियां के सदस्यता अभियान का समस्त कार्मिकों द्वारा बहिष्कार किया गया। शाखा मांडलगढ़ के समस्त कार्मिक भी सदस्यता अभियान का बहिष्कार कर रहे हैं।राजस्थान सहकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति सहकारी कर्मचारियों के हितों को लेकर प्रदेशाध्यक्ष राजस्थान बहुदेशीय सहकारी समिति संघ कर्मचारी युनियन हनुमान सिंह राजावत , प्रदेशाध्यक्ष मदन मेनारिया राजस्थान सहकारी कर्मचारी विकास मंच, प्रदेश अध्यक्ष राजस्थान सहकारी कर्मचारी संघ कुलदीप जंगम के निर्देशन में प्रदेश व्यापी कार्मिकों ने जंग छेड़ दिया है।भीलवाड़ा जिले के सहकारी समिति कार्मिक अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन पत्र उपखंड अधिकारी के मार्फत मुख्यमंत्री जी को भेजे जा रहे हैं।जिसमें कर्मचारियों ने अपनी मांगों पर सरकार और सहकारिता विभाग का ध्यान आकर्षित करने के लिए कामकाज ठप कर दिया।


कर्मचारियों की मांगें और मुद्दे इस प्रकार है।दिनांक 10 जुलाई 2017 से पहले प्रदेश की ग्राम सेवा सहकारी समितियों के नियुक्त कार्मिकों का नियमिती करण  की  रजिस्ट्रार सहकारी समितियां राजस्थान जयपुर के अधिन जारी प्रकिया प्रारंभ की गयी थी।लेकिन अल्प समय के कारण की जिलों कै अधिकांश कार्मिक नियमिती करण प्रक्रिया से वंचित रह गये थे। पुनः नियमिती करण प्रक्रिया शुरू की जाए।
सहकारी समितियों में नियुक्त समस्त कार्मिकों की आयु 18 से 40 वर्ष के व्यवस्थापक, सहायक व्यवस्थापक, सेल्समैन, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, कम्प्यूटर आपरेटर आदि की सेवाएं संशोधित करते हुए नियमिती करण करें।प्रदेश की ग्राम सेवा सहकारी समिति के कार्मिकों के सेवा नियम 2022मे संसोधन करते हुए सेवा नियम कार्मिक विभाग द्वारा बनाया जाए।
जिला केडर बनाते हुए नियोक्ता निर्धारण वर्ष 2019मे रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा कैडर अथोरिटी का यू ओ नोट जारी के सम्बंधित पत्रावलियां वित विभाग को प्रेषित की गयी थी। लम्बित पत्रावलियों पर अपेक्षित कार्यवाही की जाए। प्रदेश में केंद्रीय बैंकों में ऋण पर्यवेक्षकों के पद कई वर्षों से रिक्त पड़े हैं। रिक्त पदों पर समिति व्यवस्थापक से शत प्रतिशत  नियुक्ति की जाए।