बनेड़ा -परमेश्वर दमामी
वस्त्र नगरी भीलवाड़ा के बनेड़ा में दशहरे पर रावण के पुतले की सवारी निकाली गई ये शाही सवारी ढोल-नगाड़ों और अखाड़ा प्रदर्शनों के साथ श्मशान घाट तक पहुँची जहाँ पुतले का दहन किया गया । यह परंपरा पूरे प्रदेश में अनोखी है, क्योंकि अन्य जगहों पर रावण का पुतला वहीं जला दिया जाता है जहाँ उसे बनाया जाता है।
बनेड़ा में रावण की सवारी की परंपरा
शोभायात्रा:
दशहरे के अवसर पर, बनेड़ा के युवा इस दिन नाचते-गाते हुए, अखाड़ा प्रदर्शन करते हुए और ढोल-नगाड़ों की धुन पर रावण के पुतले की शोभायात्रा निकाली

*मार्ग:*
यह शोभायात्रा खारिया कुंड से गाजे बाजे के साथ शुरू होकर पूरे कस्बे विभिन्न मार्गों से होकर श्मशान घाट तक गयी ।
*दहन:*
श्मशान घाट पहुँचने के बाद रावण के पुतले का दहन किया गया ।
यह एक अनूठी परंपरा है जो बनेड़ा को अन्य जगहों से अलग करती है, जहाँ रावण के पुतले का दहन उसी स्थान पर होता है जहाँ उसका निर्माण होता है।रावण दहन के इस कार्यक्रम के अवसर पर बनेड़ा नगरपालिका क्षैत्र के सैकडो की तादाद में ग्रामीण जन उपस्थित रहे।
