मांडल (भीलवाड़ा)।
मांडल तहसील क्षेत्र में सहकारिता विभाग द्वारा चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत लगाए जा रहे शिविरों का शुक्रवार को पूर्ण रूप से बहिष्कार किया गया। सहकारी समितियों से जुड़े कर्मचारियों व पदाधिकारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान करते हुए साफ कहा कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जातीं, आंदोलन इसी तरह जारी रहेगा।
जिला उपाध्यक्ष कमल सिंह चुंडावत ने बताया कि सहकारी समितियों से जुड़े कर्मचारियों की लंबे समय से लंबित मांगों को लेकर सरकार को कई बार ज्ञापन दिए गए, लेकिन आज तक किसी भी स्तर पर सकारात्मक पहल नहीं हुई। मजबूरन अब कर्मचारी वर्ग अनिश्चितकालीन हड़ताल की राह पर उतर गया है।

हड़ताल का असर शुक्रवार को बावड़ी और घोड़ास सहकारी समिति में स्पष्ट रूप से नजर आया, जहां तालाबंदी के कारण किसान और आम उपभोक्ता परेशान होते दिखाई दिए। समितियों में न तो खाद-बीज का वितरण हो पाया और न ही अन्य आवश्यक कार्य हो सके।
चुंडावत ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने शीघ्र ही उनकी मांगों को लेकर ठोस निर्णय नहीं लिया तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। फिलहाल कर्मचारी वर्ग एकजुट होकर आंदोलन को तेज करने की तैयारी में है।
मुख्य मांगें
सहकारी समितियों के कर्मचारियों का वेतनमान सुधार।
समय पर प्रमोशन व पदोन्नति।
स्थायीकरण से जुड़े आदेशों का पालन।
सहकारिता विभाग में व्याप्त अनियमितताओं का समाधान।
स्थानीय स्तर पर किसानों ने भी मांग की है कि सरकार जल्द से जल्द इस विवाद को सुलझाए, ताकि सहकारी समितियों से मिलने वाली आवश्यक सेवाओं में बाधा न आए।
