बिजोलिया ।
नगर के पटाखा व्यापार संघ ने शुक्रवार को उपखंड अधिकारी अजीत सिंह राठौड़ को ज्ञापन सौंपकर इस वर्ष प्रशासन द्वारा निर्धारित छोटा खेल मैदान में अस्थाई तौर पर स्वीकृत 18 पटाखा दुकानें नहीं लगाने की असमर्थता जताई। व्यापारियों का कहना है कि प्रशासन द्वारा आवंटित यह स्थान आबादी क्षेत्र से काफी दूर है, जहाँ आम जनता का आना-जाना बेहद कम है।
व्यापार संघ ने ज्ञापन में कहा कि छोटा खेल मैदान के समीप श्मशान घाट और भगवान के चबूतरे होने से धार्मिक भावनाएं आहत होने की संभावना है। ऐसे स्थान पर पटाखों की बिक्री से विवाद या गलत धारणा फैलने का भी डर है। व्यापारियों ने यह भी कहा कि वे पटाखों का स्टॉक वापस भेजने को तैयार हैं, पर प्रशासन से मांग की कि पटाखे जप्त न किए जाएँ।

गौरतलब है कि पिछले वर्षों में पटाखा व्यापारियों की दुकानें मुख्य बाजार से तेजाजी चौक तक लगती थीं, जहाँ भीड़भाड़ के कारण हादसों की आशंका बनी रहती थी। इसी वजह से इस बार नगर पालिका ने नया स्थान तय कर छोटा खेल मैदान को बिक्री स्थल घोषित किया है।
हालांकि, इस निर्णय से असंतुष्ट पटाखा व्यापारियों ने इस बार दुकानें नहीं लगाने का निर्णय लेकर प्रशासन पर अप्रत्यक्ष दबाव बनाने की कोशिश शुरू कर दी है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस वर्ष क्षेत्र में करीब एक करोड़ रुपये मूल्य की विस्फोटक सामग्री पटाखे पहुंच चुकी है। व्यापारियों द्वारा दुकानें नहीं लगाने और लाइसेंस उपखंड कार्यालय में वापस जमा कराने की सूचना के बाद अब यह आशंका गहराने लगी है कि बड़ी मात्रा में पटाखों का स्टॉक दुकानों और घरों में अवैध रूप से रखा गया है।
जानकारी के अनुसार, एक स्थानीय थोक किराना व्यापारी के यहां लगभग 50 से 60 लाख रुपये तक का विस्फोटक माल रखा हुआ है, जबकि प्रशासन ने इतनी बड़ी मात्रा में बिक्री की अनुमति नहीं दी है। इस स्थिति में पूरा क्षेत्र बारूद के ढेर पर बैठा प्रतीत हो रहा है, जहाँ थोड़ी सी लापरवाही भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है।

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, यदि किसी के यहां लाइसेंस की सीमा से अधिक विस्फोटक सामग्री पाई गई, तो उसके खिलाफ विस्फोटक अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं उपखंड अधिकारी राठौड़ ने कहा कि सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है, दुकानें केवल निर्धारित स्थल पर ही लगेंगी, उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। नगर पालिका अधिशासी अधिकारी पंकज कुमार मंगल ने बताया कि आबादी क्षेत्र में अस्थाई पटाखा बेचे जाने की अनुमति नहीं दी जाती है , जहाँ अनुमति दी गई है , वहा नगर पालिका द्वारा सभी व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही थी लेकिन पटाखा दुकानदार दुकानें नहीं लगाकर दबाव डालने का प्रयास कर रहे है । अवैध तौर पर बिक्री पर कार्रवाई की जाएगी । आम जनता की जान को जोखिम में नहीं डाला जा सकता । लोगो का कहना है की इस बार पटाखा कारोबार को लेकर प्रशासन और व्यापारियों के बीच जारी यह टकराव न केवल कानून व्यवस्था की चुनौती बनता जा रहा है, बल्कि नगर की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा भी बन सकता है।
