डाॅ.चेतन ठठेरा स्वतंत्र पत्रकार
जयपुर । शिक्षा विभाग में पैसे लेकर तबादले और अन्य काम होते हैं यह खुलासा पिछली कांग्रेस सरकार में स्वयं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समक्ष सार्वजनिक तौर पर हुआ था। ऐसी धारणा अभी बनी हुई है जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण आज जयपुर में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के सिविल लाइन स्थित सरकारी आवास पर देखने को मिला जब एक सरकारी शिक्षक में अपने तबादले के लिए खुलेआम शिक्षा मंत्री को मिठाई के साथ नोटों का लिफाफा थमा दिया।

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के सरकारी आवास पर आज चल रही थी जहां पर शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल और शिक्षा निदेशक मुख्यालय माध्यमिक आशीष मोदी भी मौजूद थे जनसुनवाई के दौरान ही एक सरकारी स्कूल का शिक्षक चंद्रकांत वैष्णव जो की बांसवाड़ा जिले के घाटोल ब्लॉक में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बुघा में पदस्थ है पहुंचा तथा अपना नंबर आने पर शिक्षक चंद्रकांत वैष्णव ने मंत्री दिलावर को अपना प्रार्थना पत्र एक मिठाई का डिब्बा और एक लिफाफा दिया तथा अपनी पीड़ा बताइ । मंत्री दिलावर ने की जानकारी देते हुए बताया कि शिक्षक चंद्रकांत वैष्णव पुस्तक लेखन का कार्य करने वाले राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद(RSCERT) मे लेखन प्रक्रिया में स्वयं को शामिल करने के लिए तबादला करवाने के लिए प्रार्थना पत्र लेकर आया था और साथ में मिठाई का डिब्बा था और एक लिफाफा दिया। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि उन्होंने सामान्य लिफाफा समझकर रख लिया क्योंकि रोजाना सिफारिश के पत्र के साथ कई लिफाफे आते हैं और शिक्षक चंद्रकांत से बातचीत की तभी मेरे निजी फोटोग्राफर भरत में आकर मुझे बताया कि लिफाफे में नोट है यह सुनकर मैं चौंक गया और लिफाफा मंगा कर खोल तो उसमें ₹5000 निकले। मैं तत्काल संबंधित थाने की पुलिस को सूचना देते हुए उन्हें मौके पर बुलाया जिसे पुलिस अपने साथ ले गई है और उससे पूछताछ कर रही है। क्या उसने किसी के कहने पर ऐसा किया ? या फिर उसने अपने मन से ऐसा किया और क्यों किया?
दिलावर ने बताएगी उनके 35 36 साल के राजनीतिक जीवन में यह पहले घटना है जो काफी खराब है और यह दुखद बात है कि लोगों की सोच यह बनी हुई है कि शिक्षा मंत्री पैसे लेता है और काम कर देता है।
सीएम के सामने सब ने विभाग में भ्रष्टाचार की ताहिद की थी
विदित है की पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान शिक्षक दिवस 5 सितंबर पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी शिक्षकों से मंच से पूछा था कि विभाग में पैसे लेकर तब बदले होते हैं और काम होता है तो हाथ खड़े करें इस पर सभी शिक्षकों ने हामी भरते हुए हाथ खड़े किए थे उसे समय शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा थे। उसे समय यह घटना अच्छी खासी सुर्खियों में समाचार पत्रों में रही थी और इसकी कुछ समय बाद गोविंद सिंह डोटासरा को शिक्षा मंत्री पद से हटाया गया था