भीलवाड़ा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया यूआईटी पर प्रदर्शन:लॉटरी निरस्त और कार्रवाई की मांग की, सचिव बोले-जांच हो रही है निरस्त नहीं करेंगे

BHILWARA
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भीलवाड़ा नगर विकास न्यास द्वारा निकली गई भूखंड आवंटन लॉटरी प्रक्रिया को लेकर बुधवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध किया।

इस दौरान उन्होंने मंजीरे बजाए और अपना विरोध प्रकट किया। इस दौरान उन्होंने सेक्रेटरी को ज्ञापन देकर लॉटरी प्रकिया को निरस्त करने की मांग की। इधर, सचिव ने निरस्त की मांग पर साफ कर दिया कि अभी जांच चल रही है।



लॉटरी में कई गड़बड़ियां- निरस्त हो

कांग्रेस कार्यकर्ता मनोज पालीवाल ने कहा कि बताया 16 अक्टूबर को यूआईटी द्वारा भूखंडों की लॉटरी निकाली गई थी। इसमें कई अनियमित बरती गई है। इसको लेकर हमने यूआईटी सेक्रेटरी को 13 सूत्रीय मांग पत्र सोपा है।

लॉटरी में जो प्रक्रिया अपनाई गई है उसमें काफी फॉल्ट है,जिन लोगों ने यूआईटी पर विश्वास करके फॉर्म भरे थे उनके भरोसे को यूआईटी द्वारा तोड़ा गया है। जो प्रक्रिया यूआईटी को अपनानी चाहिए थी उस प्रक्रिया को सही ढंग से फॉलो नहीं किया गया है।



इसी के चलते जिन लोगों को वास्तव में प्लॉट मिलना था उन्हें प्लॉट नहीं मिल पाए हैं।

यूआईटी कर्मचारियों ने की मिलीभगत

यूआईटी के अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा आपस में ही गड़बड़ी करते हुए प्लॉट की बंदर बांट की गई है। प्रक्रिया पर सही तरीके से जांच नहीं होने तक आगे जो रिफंड की प्रक्रिया यूआईटी अपना इस पर रोक लगनी चाहिए और इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए।

आरोप लगाया- जो दोषी अधिकारी है जिन्हें कलेक्टर द्वारा सस्पेंड कर दिया जाता है। वो लोग यूआईटी के कमरे में बैठते हैं और रात के अंधेरे में फाइलों की चेकिंग करते हैं। ऐसे अधिकारियों को तुरंत सस्पेंड करना चाहिए।विवादित कर्मचारी रविश श्रीवास्तव 16 तारीख से विवाद में चल रहे हैं उनको अब तक कार्य मुक्त नहीं किया गया है।


लॉटरी निरस्त नहीं होगी-जांच हो जाएगी

नगर विकास न्यास सेक्रेटरी ललित गोयल ने बताया कि कांग्रेस द्वारा जो आज प्रदर्शन किया गया है ओर ज्ञापन में जो तथ्य आए हैं उसकी हम जांच करवाएंगे। लॉटरी प्रभारी यूआईटी ओएसडी आरएएस अधिकारी चिमन लाल को बना दिया है।

कलेक्टर के निर्देशन में एक कमेटी बनाई दी गई है। जो इस मामले में जांच करेगी। हम देखेंगे इसमें क्या दिक्कत आई है। इस पूरी प्रक्रिया को निरस्त नहीं किया जाएगा क्योंकि इसकी जांच की जाएगी।