हरिपुरा से देवरिया मार्ग की बदहाली से ग्रामीण परेशान, अधूरी सड़क निर्माण योजना बनी मुसीबत

BHILWARA
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भीलवाड़ा। हरिपुरा से देवरिया जाने वाला मार्ग आज अपनी जर्जर हालत के कारण ग्रामीणों के लिए बड़ी समस्या बन चुका है। सड़क की स्थिति इतनी खराब हो गई है कि वाहनों का गुजरना मुश्किल हो गया है। बरसात के मौसम में कीचड़ और गड्डों से भरी यह सड़क यात्रियों के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं है। वाहन चालक कीचड़ में फिसलते हुए किसी तरह रास्ता पार कर रहे हैं।



ग्रामीणों के अनुसार, करीब दो वर्ष पूर्व इस मार्ग पर सड़क निर्माण का कार्य शुरू किया गया था, लेकिन ठेकेदार ने बीच में ही काम अधूरा छोड़ दिया। इसके बाद से अब तक किसी अधिकारी या विभाग ने इसकी सुध नहीं ली। अधूरे पड़े निर्माण कार्य के कारण सड़क जगह-जगह से टूट चुकी है और कीचड़ भरे गड्डों में वाहन धंस जाते हैं। इससे आम लोगों का आना-जाना बेहद कठिन हो गया है।



स्थिति इतनी खराब है कि आसपास के स्कूली बच्चे भी रोजाना इसी रास्ते से होकर स्कूल जाते हैं। कीचड़ और फिसलन के कारण वे कई बार गिर जाते हैं जिससे उनके कपड़े और स्कूल बैग में रखी कॉपियां व किताबें खराब हो जाती हैं। अभिभावकों ने भी इस समस्या को लेकर कई बार शिकायत की, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

ग्रामीणों ने यह भी बताया कि नदी के रास्ते से अवैध रूप से रेत ले जाने के कारण वहां बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। इससे न केवल रास्ता और खराब हो गया है बल्कि दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ गया है। बरसात के समय ये गड्ढे जलमग्न हो जाते हैं जिससे सड़क का पता ही नहीं चलता और पैदल यात्रियों के साथ-साथ वाहन चालकों को भी काफी परेशानी होती है।

गांव के बुजुर्गों ने बताया कि इस रास्ते की समस्या को लेकर कई बार पंचायत और संबंधित विभाग को अवगत कराया गया, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला। ग्रामीण अब थक चुके हैं और उनका कहना है कि प्रशासन ने उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दिया तो वे सामूहिक रूप से धरना देने को मजबूर होंगे।


हरिपुरा के लोगों का कहना है कि वे अब मीडिया के माध्यम से अपनी आवाज प्रशासन तक पहुंचाना चाहते हैं ताकि जल्द से जल्द इस सड़क का निर्माण कार्य पूरा कराया जा सके। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि यह मार्ग क्षेत्र का मुख्य संपर्क मार्ग है जो हरिपुरा, देवरिया, और आसपास के कई गांवों को जोड़ता है। यदि इस सड़क को दुरुस्त नहीं किया गया तो आने वाले समय में यहां परिवहन व्यवस्था पूरी तरह ठप हो सकती है।

ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि वे तत्काल अधूरे पड़े सड़क निर्माण कार्य को पूरा कराएं और दोषी ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही दोबारा न हो।