Phalodi Road Accident: भारतमाला एक्सप्रेसवे पर फलोदी के पास रविवार रात हुए भीषण सड़क हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
भारतमाला एक्सप्रेसवे पर फलोदी के पास रविवार रात हुए भीषण सड़क हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि ट्रेलर अवैध ढाबे के सामने खड़ा होने के कारण श्रद्धालुओं से भरा टैंपो ट्रेवलर ट्रक से टकरा गया। इस हादसे में एक दर्जन से अधिक लोग काल का ग्रास बने हैं।
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए स्थानीय प्रशासन, एनएचएआई और पुलिस पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि महत्वपूर्ण राजमार्ग पर अवैध ढाबों और अतिक्रमण के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई, जो हादसे का मुख्य कारण बना।
‘अवैध ढाबे पर रुके ट्रेलर की वजह से हुआ’
सांसद बेनीवाल ने एक पोस्ट में कहा कि यह हादसा अवैध ढाबे पर रुके ट्रेलर की वजह से हुआ। एनएचएआई अधिकारियों को इसकी जानकारी थी, फिर भी उन्होंने ढाबों को बंद करने की कोई कोशिश नहीं की। उन्होंने केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मांग की कि भारतमाला परियोजना के तहत बने इस एक्सप्रेसवे पर अवैध ढाबों के संचालन के लिए जिम्मेदार एनएचएआई अधिकारियों के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की जाए।

बेनीवाल ने हादसे की सूचना मिलते ही पार्टी कार्यकर्ताओं को मौके पर भेजकर राहत कार्य शुरू करवाया और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई। उन्होंने कहा कि भारतमाला सड़क पर हर नियत दूरी पर ट्रॉमा सेंटर अनिवार्य है। हादसे के स्थान से निकटतम ट्रॉमा सेंटर कितनी दूरी पर था और क्या वह ऑपरेशनल था? एनएचएआई को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। अगर सेंटर नहीं था या काम नहीं कर रहा था, तो विभागीय जिम्मेदारी तय हो।
प्रशासन की बड़ी गलती आई सामने
बता दें, हादसे की जड़ में अतिक्रमण और लापरवाही की बड़ी भूमिका सामने आई है। भारतमाला एक्सप्रेसवे पर वाहनों का रुकना पूरी तरह प्रतिबंधित है। पार्किंग या विश्राम के लिए सड़क किनारे अलग से व्यवस्था की गई है, लेकिन अवैध ढाबों के सामने ट्रक और ट्रेलर खड़े होने से खतरा बढ़ जाता है।
रात के समय ये वाहन इंडिकेटर नहीं जलाते और रेडियम रिफ्लेक्टर पट्टी भी नहीं लगाते, जबकि हाईवे पर वाहनों की गति 130 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच जाती है। अचानक सामने खड़े वाहन दुर्घटना का कारण बनते हैं। फलोदी हादसा भी इसी का शिकार हुआ।
अतिक्रमण हटाने के लिए लिखा गया था पत्र
प्रशासन की लापरवाही का खुलासा पत्राचार से हुआ है। एनएचएआई और परिवहन विभाग ने पिछले एक साल में पांच बार अतिक्रमण हटाने के लिए पत्र भेजे, लेकिन फलोदी जिला प्रशासन और पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया। एनएचएआई अधिकारी प्रदीप अत्री ने 24 अप्रैल, 16 मई, 20 जून और 3 जुलाई को पत्र लिखकर अवैध पार्किंग और ढाबों की शिकायत की। परिवहन विभाग ने 24 जुलाई को कलेक्टर फलोदी को रिमाइंडर भेजा। इन सबके बावजूद कार्रवाई नहीं हुई, जो हादसे की बड़ी वजह बनी।
