नई दिल्ली।
देश के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से स्वास्थ्य कारणों के चलते इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इस आशय की जानकारी दी और तत्काल प्रभाव से त्यागपत्र सौंपा। धनखड़ ने पत्र में लिखा, “स्वास्थ्य की प्राथमिकता और चिकित्सकीय सलाह का पालन करते हुए मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से त्यागपत्र दे रहा हूं।”
उन्होंने राष्ट्रपति के साथ सौहार्दपूर्ण संबंधों और प्रधानमंत्री एवं मंत्रिपरिषद के सहयोग के लिए आभार जताया।
2022 में उपराष्ट्रपति बने थे
6 अगस्त 2022 को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में धनखड़ ने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया था। उन्हें 528 वोट मिले थे, जबकि अल्वा को 182 वोट हासिल हुए थे। इसके बाद उन्होंने 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी।
एक किसान परिवार से देश के शीर्ष पद तक
18 मई 1951 को राजस्थान के झुंझुनूं जिले में एक साधारण किसान परिवार में जन्मे धनखड़ की प्रारंभिक शिक्षा गांव में हुई। बाद में उनका दाखिला सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ में हुआ। उनका NDA में चयन भी हुआ था, लेकिन उन्होंने सेना में जाना नहीं चुना। इसके बाद उन्होंने राजस्थान यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और LLB की पढ़ाई की और जयपुर में वकालत शुरू की।
लंबा राजनीतिक अनुभव
धनखड़ 1989 से 1991 तक झुंझुनूं से लोकसभा सांसद रहे। इस दौरान वीपी सिंह और चंद्रशेखर सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे। उन्हें 30 जुलाई 2019 को पश्चिम बंगाल का 28वां राज्यपाल नियुक्त किया गया। राज्यपाल रहते हुए उनकी कार्यशैली काफी चर्चित रही।
धनखड़ का इस्तीफा ऐसे समय आया है जब वे अभी अपने कार्यकाल के मध्य में ही थे। अब इस पद पर नए नाम को लेकर चर्चा शुरू हो गई है।

