टोंक में बजरी से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली ने युवक को रौंदा:मौके पर ही हुई मौत, लोगों का फूटा गुस्सा-शव रखकर पूरी रात दिया धरना

BHILWARA
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टोंक ।टोंक जिले के घाड़ थाना क्षेत्र में जलसीना गांव में सोमवार रात को बजरी से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली ने एक युवक को जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में युवक की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। मौके पर ही शव रखकर लोग धरने पर बैठ गए। लोगों ने पूरी रात धरना दिया। दूसरे दिन मंगलवार सुबह करीब 10 बजे शव उठाने को लेकर सहमति बनी।


यह हादसा सोमवार रात करीब 8 बजे हुआ। जब युवक पैदल ही पास के सरोली गांव से अपने घर लौट रहा था। इसी दौरान बनास नदी में से बजरी भरकर हाईवे की ओर आ रही ट्रैक्टर-ट्रॉली ने सामने से उसे टक्कर मार दी और भाग गया। उसके बाद ग्रामीण, परिजन मौके पर पहुंचे और शव को मौके पर ही रखकर आरोपी ट्रैक्टर ड्राइवर को पकड़ने, आर्थिक सहायता राशि दिलाने समेत अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन किया और धरने पर बैठ गए।

पूरी रात धरने पर बैठे रहे परिजन
उधर जानकारी मिलने के बाद घाड़ थाना प्रभारी हरिराम वर्मा मय पुलिस जाप्ते के मौके पर पहुंचे और शव उठाने के लिए समझाइश की, लेकिन परिजन, ग्रामीण नहीं माने। इधर लोग सोमवार पूरी रात धरने पर बैठे रहे।

सहमति बनने पर उठाया शव
दूसरे दिन मंगलवार को सुबह करीब 10 बजे तक शव उठाने को लेकर सहमति बनी। इस दौरान हत्या का मामला दर्ज कर जांच करने, 5 लाख रुपए चिंरजीवी योजना में मृतक के परिजनों को दिलाने और एक्सीडेंट क्लेम की राशि दिलाने के आश्वासन पर परिजनों ने शव उठा लिया।
इसके बाद दूनी अस्पताल में पोस्टमॉर्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया है।


पैदल लौट रहा था घर
ग्रामीणों ने बताया कि जलसीना गांव निवासी बबलू (26) पुत्र बाबू लाल बलाई सोमवार रात करीब 8 बजे सरोली से करीब 2 किमी दूर अपने घर लौट रहा था। वह पैदल ही जा रहा था।
इस दौरान सामने से तेज गति से आ रही बजरी से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली के ड्राइवर ने लापरवाही पूर्वक तेज गति से ट्रैक्टर चलाकर सामने से टक्कर मार दी। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

परिवार में इकलौता कमाने वाला था
मृतक बबलू के 2 छोटे बच्चे है। पत्नी भी मानसिक रूप से थोड़ी कमजोर है। पिता की काफी साल पहले मौत हो गई थी। बड़े भाई की भी चार-पांच साल पहले मौत हो चुकी है। ऐसे में परिवार में इकलौता कमाने वाला था। मजदूरी करके परिवार का पालन करता था।
अब उसकी मौत के बाद बच्चे अनाथ हो गए है। अब घर में कमाने वाला कोई नहीं बचा है। बच्चों और परिवार के सामने खाने के भी लाले पड़ गए है।