शाहपुरा- मूलचन्द पेसवानी
पंचायतों के पुनर्गठन को लेकर राज्य सरकार द्वारा हाल ही में जारी अधिसूचना के बाद बनेड़ा क्षेत्र में विरोध के स्वर तेज होने लगे हैं। नवसृजित ग्राम पंचायत का मुख्यालय सुल्तानगढ़ घोषित किए जाने के विरोध में कोडलाई, सुल्तानगढ़ और खारोलिया खेड़ा के ग्रामीणों ने मंगलवार को जिला कलेक्टर एवं पंचायत राज विभाग के अधिकारियों के नाम ज्ञापन सौंपकर कोडलाई को ही पंचायत मुख्यालय बनाए रखने की माँग की।
ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया कि 20 नवंबर 2025 को ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में तीनों ग्रामों को सम्मिलित कर नई पंचायत का गठन किया गया है। इस प्रस्ताव में पहले पंचायत समिति बनेड़ा तथा बाद में जिला कलेक्टर कार्यालय द्वारा कोडलाई को ही पंचायत मुख्यालय के रूप में तय किया गया था। लेकिन अंतिम अधिसूचना जारी करते समय रायशुमारी और तर्कों की अनदेखी कर मुख्यालय को सुल्तानगढ़ कर दिया गया, जो नियमों के विरुद्ध है।
ग्रामीणों ने कहा कि जनसंख्या, भौगोलिक स्थिति, आवागमन की सुविधा और संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर कोडलाई मुख्यालय बनने के लिए सबसे उपयुक्त ग्राम है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार कोडलाई की जनसंख्या 1237 है, जो सुल्तानगढ़ (1020) और खारोलिया खेड़ा (830) दोनों से अधिक है। साथ ही कोडलाई स्टेट हाईवे के नजदीक स्थित है जिससे सभी ग्रामों से आवागमन सुगम रहता है।

इसके विपरीत सुल्तानगढ़ की बसावट पहाड़ियों के किनारे होने से वहाँ नेटवर्क, सड़क और परिवहन जैसी सुविधाओं का अभाव रहता है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इन परिस्थितियों को ध्यान में रखे बिना ही मुख्यालय सुल्तानगढ़ घोषित कर दिया गया, जो कि प्रशासनिक दृष्टि से उचित नहीं है।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि कोडलाई में पंचायत भवन सहित अन्य राजकीय भवनों के निर्माण के लिए पर्याप्त सरकारी भूमि उपलब्ध है, जबकि सुल्तानगढ़ में ऐसी सुविधा सीमित है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि कोडलाई को पंचायत मुख्यालय नहीं बनाया गया तो तीनों ग्रामों के निवासी अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे तथा आने वाले किसी भी चुनाव में मतदान नहीं करेंगे। इसके परिणाम की पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
ज्ञापन देने और विरोध प्रदर्शन के दौरान सरपंच राधेश्याम कुमावत, वार्ड पंच कमल कुमावत, भेरूलाल कुमावत, मुकेश कुमावत, सीताराम, हनुमान सिंह, शंकरलाल, रतनलाल, प्रभुलाल, खुशीराम, राजूलाल, खारोल, प्रभुलाल, बंसीलाल, रामचंद्र सहित अनेक ग्रामीण मौजूद रहे।
ग्रामीणों ने मांग की कि पंचायत राज विभाग जयपुर तुरंत अधिसूचना में संशोधन करते हुए कोडलाई को ही पंचायत मुख्यालय घोषित करे, जिससे स्थानीय जनता को सुविधाओं का लाभ मिल सके और प्रशासनिक कार्य सुचारू रूप से संचालित हो सकें। ग्रामीणों ने भरोसा जताया कि सरकार उनकी उचित मांग पर सकारात्मक निर्णय लेगी।
