पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने राज्य सरकार और सीएम पर तंज कसते हुए कहा है कि यहां पर सरकार है क्या? यहां पर सरकार तो है नहीं। सरकार नाम की चीज नहीं है। क्या घोषणाएं करते हैं, भूल जाते हैं। अब तक दो बजट पेश कर चुके हैं। उसमें भी काम शुरू ही नहीं हो पा रहा है। गहलोत जयपुर में बाइस गोदाम महात्मा ज्योतिबा राव फुले सर्किल पर श्रद्धांजलि देने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
गहलोत ने कहा- हमारे वक्त में जो फैसले थे, सड़कों के हों चाहे संस्थाओं के हो, चाहे बिल्डिंगों के हों। वे काम भी अभी पूरी तरह आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। यह खाली घोषणा करने वाली सरकार है, काम कुछ नहीं कर रही है।
मुख्यमंत्री ठीक कह रहे हैं, अफसर सरकार के होते हैं
सीएम भजनलाल के बयान पर गहलोत ने कहा- मुख्यमंत्री ने बिल्कुल ठीक कहा कि अधिकारी सरकार के होते हैं। यह बात इसलिए छिड़ गई क्योंकि उन्होंने कहा था कि पिछली सरकार के वक्त में भ्रष्टाचार वाले अधिकारी लग गए थे। तब मैंने उनको जवाब दिया कि उन्हें अधिकारियों से आप काम ले रहे हो। मुख्यमंत्री बिल्कुल ठीक कह रहे हैं। अधिकारी किसी पार्टी के नहीं होते। पहल तो इन्होंने ही की थी।

योजनाएं भी सरकार की ही होती हैं, हमारे वक्त शुरू योजनाएं पूरी क्यों नहीं कर रहे?
गहलोत ने कहा- योजनाएं भी किसी पार्टी की नहीं होती हैं। योजनाएं भी सरकार की होती हैं। कॉमर्स कॉलेज के सामने महात्मा गांधी सोशल गवर्नेंस की बिल्डिंग खड़ी है। उसकी कोई परवाह कर रहा है। इसकी राजस्थान भर में बड़ी-बड़ी संस्थाएं खड़ी हो गई, काम पूरे हो गए, मेरे पास कोई उदाहरण है। वह कोई काम आगे बढ़ ही नहीं रहा है। अब मेरे पास कई उदाहरण हैं। अभी मैं क्या बताऊं, अलग से बोलूंगा आप सबको। वो काम आगे बढ़ ही नहीं रहे हैं। कागजों में हैं।
कर्नाटक सीएम विवाद पर बोले- राजनीतिक दलों में कौन सा वादा किससे और किससे किया, यह किसी को मालूम नहीं होता है
कर्नाटक कांग्रेस में सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बीच चल रहे विवाद पर गहलोत ने कहा कि हाईकमान निगाह रखे हुए है। राजनीतिक दलों के फैसलों को लेकर जो बातें आती हैं। वे सुनी सुनाई आती हैं। वास्तविकता बिल्कुल अलग होती है। पार्टियों के अंदर क्या बातचीत होती है। क्या फैसले होते हैं। बाहर जिस प्रकार से बताया जाता है, अधिकांश वक्त में वे बातें सच नहीं होती हैं। इंटरनल अलग ढंग के फैसले होते हैं।
गहलोत ने कहा- राजनीतिक दलों के भीतर कौन सा वादा किससे किया है, किस रूप में किया है, यह किसी को मालूम होता नहीं है। बातें चलती रहती हैं, पार्टी हाई कमान पर विश्वास सबका है। सभी राज्यों के कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष हों या मुख्यमंत्री हों, उनका हाईकमान पर पूरा विश्वास रहता है। कांग्रेस की बहुत बड़ी खासियत है। फिर भी मीडिया में बातें चलती रहती है, होता कुछ और है बताया कुछ और जाता है।
