
मांडलगढ़ । तिलस्वा गांव स्थित ऐतिहासिक व आस्था का केंद्र श्री तिलस्वा महादेव मंदिर को लेकर श्रद्धालुओं में भारी आक्रोश है। रविवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा से मिले और मंदिर ट्रस्ट के खिलाफ गंभीर वित्तीय अनियमितताओं, भ्रष्टाचार और मनमानी के आरोप लगाते हुए 20 सूत्रीय विस्तृत ज्ञापन सौंपा। श्रद्धालुओं ने ज्ञापन में मंदिर ट्रस्ट के सचिव मांगीलाल धाकड़ व अन्य पदाधिकारियों के कार्यकाल में हुई तमाम वित्तीय गतिविधियों की निष्पक्ष जांच और पिछले 20 वर्षों का लेखा-जोखा सार्वजनिक करवाने की मांग की।
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ज्ञापन में ये लगाए आरोप:
1. आय-व्यय का नहीं होता सार्वजनिक ब्यौरा ट्रस्ट के सचिव द्वारा मंदिर की आय, दान राशि, दुकानों के किराए, धार्मिक आयोजनों से प्राप्त राशि, भूमि किराया, बकाया किराए, मूर्तियों के निर्माण, CCTV खरीद और सामग्री आपूर्ति में लाखों रुपये खर्च किए गए, लेकिन इनका कोई व्यावसायिक रिकॉर्ड या सार्वजनिक लेखा-जोखा आज तक प्रस्तुत नहीं किया गया।
2. RTI का जवाब तक नहीं दिया गया श्रद्धालुओं द्वारा जानकारी के लिए सूचना के अधिकार (RTI) के तहत आवेदन भी दिए गए, लेकिन ट्रस्ट की ओर से न तो जवाब दिया गया और न ही कोई सूचना साझा की गई। यह पारदर्शिता की घोर अवहेलना है।
3. व्यक्तिगत निर्णयों से किया गया खर्च सचिव द्वारा बिना ट्रस्ट समिति की आम सहमति या प्रस्ताव पारित किए ही मनमाने ढंग से ट्रस्ट फंड से राशि खर्च की गई। विशेष रूप से CCTV कैमरों की खरीदी, चबूतरे का निर्माण, मूर्तियों का निर्माण, टीन शेड व अन्य कार्यों पर लाखों की राशि खर्च की गई है, लेकिन इसके पीछे की प्रक्रिया, दरें व बिल आज तक नहीं बताए गए।
4. मंदिर की संपत्तियों का नियमित किरायांकन नहीं हुआ है । मंदिर की दुकानों व जमीन से किराया वसूलने में पारदर्शिता नहीं बरती गई। कई दुकानों का किराया बकाया है, लेकिन न तो वसूली की गई और न ही किराया दरों में नियमितता है। यह स्थिति ट्रस्ट की संपत्ति के दुरुपयोग की ओर संकेत करती है।
5. धार्मिक आयोजनों में भी पारदर्शिता नहीं प्रत्येक वर्ष लाखों रुपए के खर्च वाले धार्मिक आयोजनों – शिवरात्रि, सावन मेला – में सामान की खरीद, साउंड, लाइट, पंडाल, प्रसादी सामग्री आदि के भुगतान का भी कोई खुला हिसाब आज तक सामने नहीं आया। ट्रस्ट द्वारा केवल घोषणा की जाती है कि राशि खर्च हुई, लेकिन उस पर समिति की मुहर या सार्वजनिक सहमति नहीं होती।
6.श्रद्धालुओं ने उप मुख्यमंत्री से मांग की है कि:
• ट्रस्ट की पिछली 20 वर्षों की संपूर्ण गतिविधियों का ऑडिट स्वतंत्र एजेंसी से कराया जाए।
• आय-व्यय का पूरा लेखा-जोखा सार्वजनिक किया जाए।
• ट्रस्ट की बैठकें पारदर्शी और रिकॉर्डेड हों।
• दोषी पदाधिकारियों के विरुद्ध जांच कर कार्रवाई की जाए।
साथ ही चेतावनी दी गई कि यदि उचित कार्यवाही शीघ्र नहीं होती है तो श्रद्धालु आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। ज्ञापन में मंदिर में लगाए गए बाउंसरों की नियुक्ति और प्रतिदिन 50 हजार रुपए खर्च करने की भी बात कही गई है साथ ही जल्द कार्रवाई नहीं करने पर पैरो में बेड़ियां बांध कुंड में कूदने की चेतावनी दी गई है । श्रद्धालुओं और संघर्ष समिति ने ये भी आरोप लगाया है कि पूर्व में भी जिला कलक्टर, एसपी , विधायक, उपखण्ड अधिकारी , थानाधिकारी को शिकायत दी गई है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है
ज्ञापन देते समय कुशल शर्मा, रणजीत अहीर, भवानी शंकर , केसरा , कुलदीप , गिरधर , शंभु, मोनू , लादू लाल , कैलाश , रमेश , जयराज, गोपाल सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रीय श्रद्धालु उपस्थित रहे । सभी ने एक स्वर में ट्रस्ट को पारदर्शी तरीके से संचालित किए जाने की मांग की।