गुर्जर करेंगे इतिहास का वास्तविक शोधपरक पुनर्लेखन

BHILWARA
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भीलवाड़ा

राष्ट्रीय गुर्जर इतिहास साहित्य एवं भाषा शोध संस्थान की ओर से गुर्जर इतिहास पर संगोष्ठी भीलवाड़ा शहर के समीप श्री पालनाजी देवनारायण मन्दिर प्रांगण पांसल में आयोजन किया गया। भगवान श्री देवनारायण की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की गई। राजस्थान गुर्जर महासभा भीलवाड़ा के जिलाध्यक्ष शंकरलाल गुर्जर द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत किया गया। राजस्थान गुर्जर महासभा के प्रदेशाध्यक्ष कालूलाल गुर्जर पूर्व कैबिनेट मंत्री ने समाज को सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में आगे आने का आह्वान किया। राष्ट्रीय गुर्जर इतिहास साहित्य एवं भाषा शोध संस्थान के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ मोहनलाल वर्मा ने गुर्जर समाज के विभिन्न अनछुए पहलुओं पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला। गुर्जर समाज के इतिहास गुर्जर समाज की युवा पीढ़ी से शोध कार्य करने का आग्रह किया। उन्होंने गुर्जर कुषाण सम्राट कनिष्क, गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिरभोज से लेकर वर्तमान स्थिति में गुर्जर समाज की दशा और दिशा के बारे में सभी को विस्तृत जानकारी दी। गुर्जर समाज के वयोवृद्ध इतिहासकार शैतान सिंह गुर्जर सीकर ने कुषाण, हूण, सोलंकी, चौहान, प्रतिहार, तंवर, बैंसला, गहलोत, खटाना आदि गुर्जर राजवंशों पर विस्तार से बताते हुए कहा कि गुर्जर इतिहास का पुनर्लेखन जरूरी है एवं छत्रपति शिवाजी महाराज बैंसला गौत्र के गुर्जर थे एवं मैत्रक, गहलोत वंश भी गुर्जर था। इतिहासकार डॉ अरुणा गुर्जर ने बगड़ावत शौर्य लोकगाथा पर प्रकाश डालते हुए भगवान श्री देवनारायण के वास्तविक इतिहास से सभी को विस्तार से बताया। राजस्थान गुर्जर महासभा के जिलाध्यक्ष शंकरलाल गुर्जर उप जिला प्रमुख ने आह्वान किया कि युवा पीढ़ी आर्थिक क्षेत्र में आगे आये और अपने उद्योग स्थापित कर इतिहास रचकर गुर्जर समाज को आर्थिक रूप से मजबूत बनाए। सामाजिक चितंक महावीर प्रसाद गुर्जर ने कहा कि गुर्जर सम्राट कनिष्क, गुर्जर सम्राट मिहिरभोज का साम्राज्य गुर्जर इतिहास का स्वर्णिम काल रहा है अब गुर्जर समाज को कौम के महापुरुषों से प्रेरणा लेकर एकबार फिर से गुर्जर समाज को इतिहास रचना होगा साथ ही कहा कि गुर्जर सम्राट कनिष्क ने शक संवत की शुरुआत की जिसे भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय संवत का दर्जा दिया गया है। राजस्थान गुर्जर महासभा के प्रदेश मंत्री लक्ष्मण सिंह गुर्जर ने कहा कि गुर्जर इतिहास के बिना भारतीय इतिहास ही शून्य है, उन्होंने समाज के युवाओं को संगठित होकर आगे बढ़ने का आह्वान किया। सामाजिक कार्यकर्ता नन्दलाल गुर्जर ने बिजौलिया किसान आंदोलन के प्रणेता श्री विजय सिंह पथिक की स्मृति में बिजौलिया में पैनोरमा बनाने की मांग की। एडवोकेट नरेंद्र गुर्जर ने गुर्जर समाज के इतिहास से प्रेरणा लेकर वर्तमान में हर क्षेत्र में आगे आने का आह्वान करते हुए कहा कि समाज में राजनैतिक चेतना स्थापित की जाए एवं युवा शिक्षा को पहली प्राथमिकता देकर हर क्षेत्र में आगे आये और सभी से निवेदन किया कि गुर्जर समाज दूध के व्यवसाय को डेयरी उद्योग की तर्ज पर करके समाज मे आर्थिक क्रांति लाए। राष्ट्रीय खिलाड़ी रीना गुर्जर ने कहा कि गुर्जर इतिहास से प्रेरणा लेकर समाज में व्याप्त कुरीतियों को खत्म किया जाए। गुर्जर समाज से बालिका शिक्षा पर विशेष ध्यान देने का आह्वान किया। भंवरलाल गुर्जर दोवनी ने कहा कि राजस्थान सरकार गुर्जर इतिहास को पाठ्य पुस्तकों में शामिल करें एवं चित्तौड़गढ़ जिले के मण्डफिया में स्थित श्री सांवलिया मन्दिर में गुर्जर समाज के इतिहास की अवहेलना की जा रही है इस ओर सभी का ध्यानाकर्षण किया और मांग की है श्री सांवलिया जी मन्दिर में उचित जगह पर श्री लखमा जी गुर्जर का भव्य स्मारक, प्रतिमा स्थापित की जावे। कार्यक्रम को प्रिंसिपल मानाराम गुर्जर, पूर्व सरपंच गोपाल गुर्जर, श्री पालनाजी ट्रस्ट उपाध्यक्ष उदयलाल गुर्जर, राजूलाल गुर्जर, पंचायत समिति सदस्य गोपाल गुर्जर, सोहनलाल गुर्जर, रामस्वरूप गुर्जर, शांतिलाल गुर्जर, विष्णु प्रसाद सांगावत, राधेश्याम गुर्जर, भैरूलाल गुर्जर आदि ने विचार रखे। कार्यक्रम में जिलेभर से गुर्जर समाज के प्रबुद्ध जन एकत्रित हुए। राष्ट्रीय गुर्जर इतिहास साहित्य एवं भाषा शोध संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री इसम सिंह चौहान के निधन पर गुर्जर समाज की ओर से दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धाजंलि अर्पित की गई।