भीलवाड़ा : राजकुमार गोयल
जालिया गांव बनेड़ा तहसील के किसान, आपके समक्ष एक अत्यंत गंभीर मुद्दे को विनम्रतापूर्वक प्रस्तुत करते हैं। जिंदल सॉ लिमिटेड, लापिया पॉइंट पर 14 जून 2024 को अवैध ब्लास्टिंग के कारण हमारे खेतों और घरी को भारी नुकसान हुआ। 100 किलो तक के पत्थर खेतों में और 5 किलो तक के पत्थर हमारे घरो पर गिरे, जिससे उनकी दीवार और छत टूट गई। मुकेश रेबारी की पत्नी, वे माता और डेढ़ महीने की बच्ची के बाल-बाल बचे इस घटना से ग्रामीणों में आरी आक्रोश फैला, और हमने अवैध ब्लास्टिंग व खनन बंद करने की मांग को लेकर 205 दिनों तक धरना दिया।

एडीएम ओ.पी. मेहरा, एएसपी पारस जैन, एसडीएम बनेड़ा, डीवायएसपी मांडल और नौ थानों की पुलिस की उपस्थिति में जिंदल के अधिकारियों ने हमारी शर्तों पर सहमति जताई और सात दिनों में लागू करने का वादा किया, जो उनके लेटरहेड पर लिखित है। लेकिन 6 महीने के बाद भी कई शर्तें पूरी नहीं हुई।
इस अत्यंत गंभीर मुद्दे को हाल ही में किसानों के सच्चा हितैषी और हमेशा किसानों के लिए तत्पर रहने वाले भीलवाड़ा सांसद दामोदर अग्रवाल ने संसद (लोकसभा) में भी प्रताड़ित किसानी को न्याय दिलाने और अवैध ब्लास्टिंग को अविलब बंद करवाने के लिए प्रश्न किया हैं। इसके बावजूद भी प्रशासन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं कर रहा हैं जिसके चलते किसानों को कठोर कदम उठाने पर विवश होना पड़ रहा है इसके बावजूद आज दिनांक 8 अगस्त 2025 को जिंदल द्वारा जबरदस्त अवैध ब्लास्टिंग की और वहां पर आज 40 दिन से अवेध ब्लास्टिंग के विरोध में धरना लगा रखा है और अवेध ब्लास्टिंग पर भीलवाडा कोर्ट की रोक के बावजूद आज पुलिस खड़ी रहे कर बलास्टिंग करवाई गई है की हम किसान आप से पूर्व में भी अवगत करवा चुके है कि हम किसानो के साथ अत्याचार हो रहा है और हम आत्महत्या के लिय मजबुर हो गये है अब अगर प्रसासन कोर्ट के आदेश को भी नहीं मान कर ब्लास्टिंग करवा रही है तो हम किसान अब अविलम्ब आत्महत्या करके अपनी जीवनलीला समाप्त कर लेंगे जिसकी समस्त जिमेवारी प्रसासन की होगी हम प्रताड़ित किसानो पुर जोर विरोध करेंगे और हमें आत्महत्या करने पर मजबूर मत करो हमारे साथ अत्याचार मत करो फिर भी दादा गिरी से ब्लास्टिंग की गई
तत्पचात हमने पुलिस प्रशासन को अवगत करवाया बनेड़ा SDM सा एवं तहसीलदार को अवगत करवाया इसके बावजूद वहा कोई अधिकारी नहीं आया ।
अब हमें कंपनी और ठेकेदारों से जान से मारने, बाहरी गुंडों को बुलाकर नुकसान पहुंचाने, और झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकियां मिल रही हैं। उनके गुंडे हमारे खेतों में घुसकर हमें भगाने और जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। हमने जिला प्रशासन और पुलिस से सुरक्षा और कार्य बंद करने की मांग की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। हमने चेतावनी दी है कि यदि हमारी मांगे पूरी नहीं हुई, तो हम कलेक्ट्रेट के बाहर सामूहिक आत्मदाह करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन और सरकार की होगी।