अमावस्या पर सरथला श्याम के दरबार में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

BHILWARA
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विक्रम सिंह @काछोला

भीलवाड़ा: काछोला तहसील मुख्यालय से लगभग 5 किलोमीटर दूर स्थित सरथला गांव के प्राचीन श्री चारभुजा नाथ मंदिर में रविवार को अमावस्या के पावन अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। दूर-दूर से आए भक्त ठाकुर जी के दर्शन और आशीर्वाद लेने के लिए सुबह से ही मंदिर परिसर में जुटने लगे।

मंदिर परिसर भक्ति और श्रद्धा की महक से सराबोर था। श्रद्धालु भजनों और कीर्तन की मधुर ध्वनियों के बीच पैदल और विभिन्न वाहनों से मंदिर पहुंचे। भक्तों ने नाचते-गाते हुए अपनी आस्था और भक्ति का प्रदर्शन किया। मंदिर के आस-पास श्रद्धालुओं की भीड़ सुबह से ही बढ़ती रही और दिनभर का यह दृश्य भक्तिमय माहौल में डूबा रहा।



मंदिर कमेटी अध्यक्ष महावीर पंडित ने बताया कि श्री चारभुजा नाथ मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। कहा जाता है कि इस मंदिर का जीर्णोद्धार सन 1844 में हुआ था। मंदिर की दीवारों पर की गई रंग-बिरंगी चित्रकारी, कांच की जड़ाई और पारंपरिक वास्तुकला इसे और आकर्षक बनाती है। पिछले 50 वर्षों से मंदिर में निरंतर प्रज्वलित अखंड ज्योति श्रद्धालुओं के लिए आस्था और विश्वास का प्रतीक बनी हुई है।

ग्रामीण सूर्यप्रकाश सेन ने बताया  कि यहां सच्ची श्रद्धा और हृदय से की गई प्रार्थना से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यही कारण है कि हर माह अमावस्या के अवसर पर यह मंदिर भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बन जाता है। भक्तजन मंदिर में फल, फूल और दीपक अर्पित कर अपनी श्रद्धा व्यक्त करते रहे
मंदिर समिति और स्थानीय ग्रामीणों ने मंदिर परिसर की सजावट और व्यवस्था में विशेष ध्यान रखा। सुरक्षा व सुविधाओं के लिए मंदिर के आसपास पर्याप्त इंतजाम किए गए थे, जिससे आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े
श्रद्धालुओं के चेहरे पर उल्लास और भक्ति का भाव साफ झलक रहा था। बड़ी संख्या में महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे अपने परिवार के साथ मंदिर पहुंचे। कई भक्त अपनी पूरी श्रद्धा के साथ नृत्य और कीर्तन में भाग लेते हुए देखे गए। मंदिर परिसर में फोटो खींचने और वीडियो बनाने की अनुमति भी दी गई, जिससे आने वाले भक्त इतिहास और भक्ति के इस अद्भुत मिश्रण का अनुभव कर सके