विक्रम सिंह @काछोला
राजस्थान सहकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति जयपुर के आह्वान पर मंगलवार को भीलवाड़ा जिले में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ। जिले की सभी ग्राम सेवा सहकारी समितियों, व बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों के कर्मचारियों ने अपने-अपने कार्यालयों में उपस्थित होकर काली पट्टी बांधकर विरोध जताया संयुक्त संघर्ष समिति ने पहले ही औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 22 एवं भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत विधिक नोटिस सरकार को भेजा था। नोटिस में 10 दिनों के भीतर लंबित मांगों का निस्तारण करने की चेतावनी दी गई थी। लेकिन तय समय सीमा तक कार्रवाई नहीं होने पर कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया।कर्मचारियों ने कहा कि सरकार और विभाग बार-बार उनकी समस्याओं की अनदेखी कर रहे हैं, जिससे उनके धैर्य का बांध टूट चुका है। कर्मचारियों ने अपनी तस्वीरें विभागीय एवं बैंक के व्हाट्सएप ग्रुप पर साझा कर एकजुटता का संदेश दिया।संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक हनुमान सिंह राजावत ने बताया कि भीलवाड़ा सहित पूरे प्रदेश में यह आंदोलन कर्मचारियों की ताकत और एकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते कर्मचारियों की जायज़ मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन और उग्र किया जाएगा।

राजस्थान बहुउद्देशीय सहकारी सोसायटी कर्मचारी यूनियन जयपुर के प्रवक्ता हेमंत व्यास ने भी कर्मचारियों के समर्थन में कहा कि कर्मचारियों की समस्याओं को गंभीरता से सुनना सरकार की जिम्मेदारी है और यदि मांगों की अनदेखी जारी रही तो आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है।कर्मचारियों ने बताया कि आगामी चरणों में उनका आंदोलन और तेज किया जाएगा। 26 सितम्बर 2025, शुक्रवार को समस्त सहकारी समितियों के कर्मचारियों का एक दिवसीय सांकेतिक विरोध प्रदर्शन जिले के उप सहायक रजिस्ट्रार कार्यालय पर किया जाएगा । जिला अध्यक्ष सत्यनारायण तिवारी ने दी राज्य स्तरीय महापड़ाव की चेतावनी देते हुए बताया कि आवश्यकता हुई तो राज्य स्तरीय महापड़ाव में जिले के समस्त साथियों की भागीदारी की जाएगी। संभागीय शाखा अध्यक्ष संजय शर्मा एवं चंद्र प्रकाश बैरागी ने बताया कि 29 सितम्बर 2025, सोमवार को प्रदेशभर के सहकारी कर्मचारी जयपुर में **विशाल प्रदर्शन** करेंगे और यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया जाएगा। जिला महामंत्री वासुदेव पाटीदार ने पूरे जिले के साथियों की एकता पर संतोष जताया ।
