अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल, महिला बोली-न पुलिस सुन रही, न अस्पताल प्रशासन
शाहपुरा-मूलचन्द पेसवानी
भीलवाड़ा शहर के महात्मा गांधी जिला अस्पताल परिसर में सोमवार को इलाज करवाने पहुंची शाहपुरा निवासी महिला के बैग से 18 हजार रुपये नकद, एटीएम कार्ड और जरूरी दस्तावेज चोरी हो गए। घटना के दो दिन बाद भी पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होने पर पीड़िता न्याय के लिए भटक रही है। अस्पताल परिसर में इस तरह की चोरी की वारदात से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ खड़े हुए हैं।
शाहपुरा थाना क्षेत्र के भगवानपुरा निवासी पुष्पा खारोल (31) पुत्री शिवराज खारोल सोमवार सुबह कानों की जांच करवाने महात्मा गांधी अस्पताल पहुंची थीं। डॉक्टर ने उन्हें ऑपरेशन की सलाह देते हुए कुछ जांचें लिखीं। पुष्पा ने बताया कि ब्लड सैंपल देने के बाद उन्हें चक्कर आने लगे, इस कारण वह थोड़ी देर बैठीं और फिर एक्स-रे कराने चली गईं।
जब वे 45 नंबर कमरे पर पहुंचीं तो कर्मचारी ने उन्हें नंबर डलवाने के लिए काउंटर पर भेजा। पुष्पा काउंटर पर खड़ी थीं तभी उन्हें फिर चक्कर आया और वे पास की जाली पकड़कर खड़ी हो गईं। इसी दौरान किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनके बैग की चेन खोलकर उसमें रखे 18 हजार रुपये नकद, एटीएम कार्ड, आधार कार्ड और पति का फोटो चुरा लिया।
घटना का पता चलते ही पुष्पा अस्पताल की पुलिस चैकी पहुंचीं, लेकिन वहां कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था। बाद में वह भीमगंज थाना पहुंचीं, जहां से एक पुलिसकर्मी को लेकर फिर अस्पताल लौटीं, लेकिन तब भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

पीड़िता ने बताया कि वह पिछले दो दिनों से रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए चक्कर काट रही हैं, मगर अब तक किसी ने उसकी बात नहीं सुनी।
अस्पताल परिसर में हर माह लाखों रुपये सुरक्षा व्यवस्था पर खर्च किए जाते हैं, फिर भी सुरक्षा केवल कागजों में सिमटी नजर आती है। अस्पताल के भीतर और बाहर दर्जनों गार्ड तैनात होने के बावजूद चोरी जैसी घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रहीं। पीड़िता ने पुलिस और अस्पताल प्रशासन से आग्रह किया है कि उसके चोरी हुए कैश और दस्तावेज जल्द से जल्द बरामद किए जाएं और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
लोगों ने भी इस घटना को लेकर नाराजगी जताते हुए कहा कि महात्मा गांधी अस्पताल में मरीज और उनके परिजन असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, जबकि यह जिले का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है। लोगों का कहना है कि प्रशासन को सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा कर तुरंत सुधार करने चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
