Anta Assembly By-election: राजस्थान के बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुट गए हैं।
राजस्थान के बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुट गए हैं और इस बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने अंता में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने साफ कर दिया कि कांग्रेस में अब केवल वही लोग टिक पाएंगे जो पार्टी को मजबूत करने के लिए पूरी तरह समर्पित होंगे। डोटासरा के इस बयान के बाद कार्यकर्ताओं में हलचल है।
कांग्रेस कोई नाथी का बाड़ा नहीं- डोटासरा
हाल ही में अंता में आयोजित एक विशाल जनसभा में डोटासरा ने कार्यकर्ताओं को सख्त लहजे में चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कोई नाथी का बाड़ा नहीं है कि कोई जब चाहे आए और जब चाहे चला जाए। पार्टी में सम्मान और स्थान केवल उसी कार्यकर्ता को मिलेगा जो कांग्रेस के लिए दिन-रात मेहनत करे और अपना सब कुछ समर्पित कर दे। डोटासरा का यह बयान महत्वपूर्ण है, क्योंकि मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा जैसे दिग्गज नेता मौजूद थे।

काबिलियत साबित करने की शर्त
डोटासरा ने कांग्रेस के पुराने तौर-तरीकों को बदलने का संकेत देते हुए कहा कि अब पार्टी नए सिरे से काम करेगी। उन्होंने उन कार्यकर्ताओं को भी स्पष्ट संदेश दिया जो पार्टी से बाहर हैं और दोबारा जुड़ना चाहते हैं। डोटासरा ने कहा कि जो लोग कांग्रेस में वापसी करना चाहते हैं, उन्हें पहले जनता के बीच जाकर पार्टी को मजबूत करना होगा।
उन्हें उपचुनाव में कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करनी होगी। इसके बाद ही सुखजिंदर सिंह रंधावा, अशोक गहलोत और सचिन पायलट जैसे नेता उनकी वापसी के लिए राष्ट्रीय नेतृत्व से बात करेंगे। यह बयान उन नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए सख्त संदेश है जो पार्टी के प्रति निष्ठा और मेहनत के बिना अवसर तलाश रहे हैं।
डोटासरा ने बागियों पर साधा निशाना
डोटासरा का यह सख्त रुख उस समय सामने आया, जब अंता में कांग्रेस के कुछ बागी नेताओं ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। खास तौर पर नरेश मीणा, जिन्हें कांग्रेस से टिकट नहीं मिला, वे अब निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अंता से चुनाव लड़ रहे हैं। डोटासरा ने बिना नाम लिए नरेश मीणा जैसे बागियों पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग पार्टी के खिलाफ जाकर अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश करेंगे, उन्हें कांग्रेस में कोई जगह नहीं मिलेगी।
पार्टी में अनुशासन पर जोर
डोटासरा के बयान से यह स्पष्ट है कि कांग्रेस अब आंतरिक असंतोष और बागी तेवरों को बर्दाश्त नहीं करेगी। उनका यह बयान न केवल अंता उपचुनाव के लिए, बल्कि पूरे राजस्थान में पार्टी के भविष्य के लिए एक रोडमैप की तरह है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को यह भी समझाया कि कांग्रेस में स्थान पाने के लिए मेहनत और निष्ठा ही एकमात्र रास्ता है। डोटासरा ने कहा कि जो लोग मेहनत करेंगे, जनता के बीच जाएंगे और पार्टी को जिताएंगे, वही लोग संगठन में आगे बढ़ेंगे। बाकियों की छुट्टी होगी।
उपचुनाव में कांग्रेस की रणनीति
अंता उपचुनाव में कांग्रेस अपनी पूरी ताकत झोंक रही है। डोटासरा का यह बयान कार्यकर्ताओं में जोश भरने के साथ-साथ पार्टी के भीतर अनुशासन और एकजुटता को बढ़ावा देने की कोशिश है। मंच पर गहलोत, रंधावा और पायलट की मौजूदगी इस बात का संकेत है कि कांग्रेस इस उपचुनाव को गंभीरता से ले रही है।
