सूतली बम से आंख में लगी, कॉर्निया में भरा ब्लड:आंख में चोट लगने से हुआ हाइफीमा, ऑपरेट कर निकाले बारूद के कण

BHILWARA
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कोटा में दीवाली के दौरान आतिशबाजी ने दो मासूम बच्चों की आंखों को नुकसान पहुंचाया। आतिशबाजी के कारण कई लोग घायल हुए, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं। निजी अस्पतालों में इनका इलाज किया गया। दो बच्चों की आंखों में गंभीर चोट आई, जहां डॉक्टरों ने ऑपरेट कर बच्चों की आंखों की रोशनी को जाने से बचाया।



नेत्र विशेषज्ञ डॉ. सुरेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि-पहला मामला न्यू राजीव गांधी नगर का है। 15 वर्षीय विश्व प्रताप सिंह दीवाली की शाम हॉस्टल के बाहर खड़ा था। पास में बच्चे पटाखे चला रहे थे। इसी दौरान एक सूतली बम फटा और उछलकर वह विश्वप्रताप की बाईं आंख से जा लगा। विस्फोट की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि उसकी आंख में ब्लड भर गया था। जिसे चिकित्सकीय भाषा में हाइफीमा कहते हैं।



डॉ.सुरेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि बम की राख और बारूद के कण आंख में चले गए थे, जिससे दर्द और जलन हो रही थी।बच्चे को तुरंत आई हॉस्पिटल में भर्ती कर माइनर ऑपरेशन किया गया और कण निकाले गए, जिससे आंखों की रोशनी बच गई।



इसी तरह दूसरा मामला केशवपुरा इलाके का है। दस वर्षीय वंश दीपावली के दिन घर के बाहर दोस्तों के साथ खेलते समय बीड़ी बम की चपेट में आ गया। पटाखा फटने के दौरान उसकी बांई आंख में राख और बम के कण जा घुस गए, जिससे आंख में जलन, सूजन और दर्द शुरू हो गया।

परिजन बच्चे को तुरंत हॉस्पिटल लेकर गए जहां डॉ. पाण्डेय और उनकी टीम ने बारीकी से आंख की सफाई की और अंदर जमे बारूद के कणों को हटाया। समय रहते उपचार मिलने से वंश की आंखों की रोशनी को बचाया जा सका।

डॉ. सुरेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि हर साल इसी तरह के केस सामने आते है।

अन्य केस भी सामने आए हैं जिनमें आंखों में बारूद जाने के मामले हैं और माइनर ऑपरेट कर उनका इलाज किया गया है। इसके अलावा अन्य निजी अस्पतालों में भी बम से हाथ जलने, चोट लगने के मामले पहुंचे है।