बनास नदी में अवैध खनन को लेकर धरना प्रदर्शन:ग्रामीणों बोले-अधिकारियों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं

BHILWARA
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सवाईपुर क्षेत्र के आकोला गांव में बनास नदी में अवैध बजरी खनन के खिलाफ ग्रामीणों और किसानों का अनिश्चितकालीन धरना गुरुवार को चौथे दिन भी जारी रहा। यह धरना निजी कंपनी के द्वारा प्लॉट नंबर 7 पर जेसीबी मशीनों से किए जा रहे खनन के विरोध में है।

सोमवार से चांदगढ़ देवनारायण मंदिर के पास सार्वजनिक प्रतिक्षालय में शुरू हुए इस आंदोलन ने बुधवार को उग्र रूप ले लिया था। सैकड़ों किसानों ने धरना स्थल पर टायर जलाकर “बनास बचाओ, खनन बंद करो!” और “जेसीबी मशीनें हटाओ, प्रशासन जागो!” जैसे नारे लगाए। गुरुवार 30 अक्टूबर को किसानों ने शांतिपूर्ण तरीके से दाल बाटी बनाकर एकजुटता प्रदर्शित की।



ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि यह अवैध खनन स्थानीय प्रशासन और अधिकारियों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। बार-बार शिकायतें और ज्ञापन देने के बावजूद, अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की है। धरने के चौथे दिन भी कोई जिम्मेदार अधिकारी ग्रामीणों की बात सुनने नहीं पहुंचा।



प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगों में नदी में चल रही सभी जेसीबी मशीनों को तत्काल बंद करना, बजरी निकासी केवल मजदूरों से करवाना, ओवरलोड वाहनों पर सख्त कार्रवाई, चरागाह भूमि को हुए नुकसान की भरपाई हेतु पौधारोपण, कंपनी से जेसीबी दोबारा नदी में न उतारने का लिखित आश्वासन, ठेकेदार से नदी की खुदाई से हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति वसूलना, ठेकेदार के कर्मचारियों की जांच और चरागाह भूमि से कांटे को हटाना शामिल है।


किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन को पूरे क्षेत्र में फैलाया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक ये मांगें पूरी नहीं हो जातीं, धरना समाप्त नहीं होगा।