कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने भजन संध्या में डांस किया। इस दौरान उन्होंने यहां संबोधित करते हुए कहा- राजनीति में रहना दलदल में चलने जैसा है, लेकिन लक्ष्य साफ हो तो व्यक्ति खुद को निर्मल रख सकता है।
दरअसल, मंगलवार को उनके जन्मदिन पर सवाई माधोपुर में भजन संध्या का भी आयोजन था। इस दौरान समर्थकों ने उनका स्वागत करना चाहा लेकिन जयपुर हादसे के चलते उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया।
वे बोले- जयपुर में हुई बड़ी दुर्घटना के कारण आज उत्सव का माहौल नहीं है। इस दौरान उन्होंने माला भी पहनने से इनकार कर दिया।
मंत्री बोले- राजनीति में रहकर भी धर्म और राष्ट्र प्राथमिकता
डॉ. मीणा ने इस अवसर पर कहा कि राजनीति में रहना दलदल में चलने जैसा है, लेकिन लक्ष्य साफ हो तो व्यक्ति खुद को निर्मल रख सकता है। राजनीति का अर्थ सिर्फ सत्ता नहीं, बल्कि राष्ट्र और समाज की सेवा होना चाहिए।
कार्यक्रम में उन्होंने अपने बचपन और जन्मदिन से जुड़ा किस्सा साझा करते हुए बताया कि जब पिता उन्हें स्कूल लेकर गए तो मास्टर जी ने जन्मतिथि पूछी। पिता बोले- इतना लिख दो कि दसवीं पास करते ही नौकरी लग जाए। मंत्री ने हंसते हुए कहा कि शायद मास्टर जी की दुआओं का असर है कि डॉक्टर भी बन गया और राजनीति में भी आ गया।
जयपुर हादसे पर जताई संवेदना, जन्मदिन उत्सव रद्द करने का निर्णय
जयपुर हादसा और विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की पत्नी के निधन के चलते उन्होंने जन्मदिन बहुत ही सादगी पूर्ण तरीके से मनाया।

कार्यक्रम के दौरान डॉ. मीणा ने कहा कि जयपुर में हुई बड़ी दुर्घटना के कारण आज उत्सव का माहौल नहीं है। उन्होंने बताया कि इस दुर्घटना में मृतकों के प्रति वे गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। इसलिए उन्होंने माला पहनने और स्वागत करवाने से इनकार किया। कृषि मंत्री ने कहा कि मैं जन्मदिन नहीं मनाता, हमेशा फिजूलखर्ची के खिलाफ रहा हूं। बेहतर होगा कि लोग अपने जन्मदिन पर गौशालाओं में जाकर गौ सेवा करें, चारा-पानी खिलाएं या कोई धार्मिक अनुष्ठान करें।
भजनों की लय में झूमे मंत्री, भक्तों ने लगाया जयकारा
कार्यक्रम के दौरान जब भजनों की प्रस्तुति अपने चरम पर पहुंची, तो मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा भी भक्ति भाव में डूब गए। जब “कीजो केसरी के लाल मेरा छोटा सा यह काम” भजन की प्रस्तुति हुई, तो मंच के सामने बैठे हुए मंत्री अचानक उठे और श्रद्धालुओं के बीच खड़े होकर तालियां बजाने लगे। उनके साथ कई लोग भी झूमने लगे। पूरा पंडाल हरि-नाम संकीर्तन से गूंज उठा और जय श्री कृष्णा, गो माता की जय के जयकारों से माहौल भक्तिमय हो गया।

गौशाला और सामुदायिक भवन के लिए की 25 लाख रुपए जुटाने की घोषणा
इस अवसर पर वे भैरू दरवाजा स्थित राधा कृष्ण गौशाला में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के समापन कार्यक्रम में पहुंचे और अंतरराष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय शाहपुरा पीठ के संत हरिराम जी शास्त्री से आशीर्वाद लिया। संतों का आशीर्वाद लेने के बाद डॉ. मीणा ने संतों के आग्रह पर पुराने शहर स्थित रामद्वारा में सामुदायिक भवन निर्माण एवं विकास कार्यों के लिए 25 लाख रुपए जुटाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि धार्मिक एवं सामाजिक स्थलों का विकास समाज की आत्मा को मजबूत करता है। इसके साथ ही कृषि मंत्री ने अपने विधानसभा क्षेत्र में करीब 200 करोड़ रुपए से अधिक की सड़क निर्माण और विकास परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया।
हमें लाल बहादुर शास्त्री और सरदार पटेल जैसा बनना है
डॉ. मीणा ने कहा कि लोगों ने नारा लगाया कि राजस्थान का एक ही लाल, किरोड़ी लाल। मैंने कहा, नहीं- हमें ऐसा लाल बनना है जैसा लाल बहादुर शास्त्री थे, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में देश का सिर ऊंचा रखा। उन्होंने आगे कहा कि अगर सरदार वल्लभभाई पटेल देश के प्रधानमंत्री होते, तो आज पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर भी भारत का हिस्सा होता। उन्होंने 562 रियासतों को जोड़कर इस देश का निर्माण किया था।
