अंता उपचुनाव का चढ़ा रंग: BJP-कांग्रेस के दिग्गजों ने लगाया पूरा दम, निर्दलीय नरेश मीणा बन रहे सिरदर्द

BHILWARA
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Anta Assembly By-election: राजस्थान की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव का राजनीतिक पारा चरम पर पहुंच गया है। 11 नवंबर को होने वाले मतदान से महज चार दिन शेष रह गए हैं।

राजस्थान की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव का राजनीतिक पारा चरम पर पहुंच गया है। 11 नवंबर को होने वाले मतदान से महज चार दिन शेष रह गए हैं, और BJP व कांग्रेस ने अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। सीट BJP के कंवरलाल मीणा की अयोग्यता के बाद खाली हुई थी, जिन्हें 20 साल पुराने मामले में सजा मिलने पर विधायकी गंवानी पड़ी। अब यहां त्रिकोणीय मुकाबला है, जहां निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा दोनों पार्टियों के लिए बड़ा चुनौती बनकर उभरे हैं।

दरअसल, अंता सीट पर कुल 2.27 लाख मतदाता हैं, जिनमें मीणा, माली, गुर्जर और धाकड़ समाज के वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं। 2023 विधानसभा चुनाव में BJP के कंवरलाल मीणा ने कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया को 5861 वोटों से हराया था। लेकिन अब BJP ने मोरपाल सुमन को मैदान में उतारा है। मोरपाल सुमन माली समाज से आते हैं और स्थानीय स्तर पर मजबूत पकड़ रखते हैं। कांग्रेस ने फिर से प्रमोद जैन भाया पर दांव लगाया है। भाया दो बार विधायक रह चुके हैं और पूर्व मंत्री भी हैं।

अंता में दोनों दलों ने उतारे स्टार प्रचारक
बताते चलें कि BJP ने सीट बचाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 6 नवंबर को मंगलोर में संयुक्त रोड शो किया। इस दौरान राजे ने कहा कि पिछली सरकार के वादे अब पूरे हो रहे हैं। BJP ने केंद्रीय मंत्री, उपमुख्यमंत्री सहित 40 स्टार प्रचारक उतारे हैं। पार्टी जातिगत समीकरण साधने में जुटी है, खासकर माली समाज (लगभग 45 हजार वोट) को साधने के लिए। वसुंधरा राजे का फैक्टर भी यहां बड़ा है, क्योंकि कंवरलाल उनके करीबी थे।

इस चुनावी रंग में कांग्रेस भी पीछे नहीं है। इस पहले पार्टी ने बड़े नेताओं की फौज विधानसभा क्षेत्र में उतार रखी है। हाल ही में 56 नेताओं को गांव-गांव प्रभारी बनाया है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट 5 नवंबर को रोड शो कर चुके हैं। इससे पहले गोविंद सिंह डोटासरा, टीकाराम जूली, अशोक गहलोत भी रैली में शामिल हो चुके हैं। डोटसरा और प्रभारी रंधावा तो दो दिन तक जमकर प्रचार भी कर चुके हैं।

बता दें, प्रमोद भाया विकास के मुद्दे पर फोकस कर रहे हैं, लेकिन पार्टी को नरेश मीणा से वोट कटने का डर सता रहा है। कांग्रेस ने भाया को बाहर का बताकर BJP पर हमला बोला, लेकिन खुद भाया भी बारां के हैं, न कि अंता के स्थानीय।

नरेश मीणा बने BJP-कांग्रेस के लिए सिरदर्द
अब असली ट्विस्ट है निर्दलीय नरेश मीणा का। कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय लड़ रहे नरेश मीणा ने मुकाबले को रोमांचक बना दिया है। देवली-उनियारा उपचुनाव में निर्दलीय रहते हुए उन्होंने 60 हजार वोट लेकर सबको चौंकाया था। AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उनका खुला समर्थन किया है।

गौरतलब है कि अंता में जाति, विकास और बागी फैक्टर हावी है। BJP डबल इंजन सरकार का वादा कर रही, कांग्रेस पुराने काम गिना रही, वहीं, नरेश मीणा भी एक बड़ी ताकत बनकर उभरे हैं। 14 नवंबर को नतीजे आएंगे, लेकिन अभी तक निर्दलीय नरेश मीणा दोनों दलों को बड़ी टक्कर देते हुए नजर आ रहे हैं।