कलेक्टर पीयूष समारिया ने कोटा नगर निगम के प्रशासक के रूप में कार्यभार संभाला है। उनके पास अभी संभागीय आयुक्त का भी चार्ज है।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि एडमिनिस्ट्रेटिव प्रपोजल, लोकल बॉडी के जरिए डीएलबी को भेजा है। बहुत जल्द राज्य सरकार से अप्रूवल आ जाएगा। उसके बाद निगम में एक नया एडमिनिस्ट्रेटिव फॉर्मेट देखने को मिलेगा।
कलेक्टर ने कहा- नॉर्थ और साउथ को मर्ज करके एक ही निगम बना दिया गया है, जिसमें हमारे पास 5 जोन है। उसमें हमने डिप्टी कमिश्नर की डिमांड की है। हमारी मंशा है कि जितने डिप्टी कमिश्नर जोन में रहेंगे। उनके पास भी पावर रहेगी। हेडक्वार्टर में भी डीसी की पोस्ट और एडिशनल कमिश्नर की पोस्ट को प्रपोज किया है।
हमारा प्रयास है लोगों को बेहतर सुविधाएं मिले। उनसे पूछा कि बदलाव के बाद सिटिंग अरेंजमेंट किस तरीके का रहेगा तो उन्होंने कहा कि निगम अब एक हो गया। लेकिन हमारे निगम के दोनों आयुक्त अभी भी है। किसी के साथ भेदभाव नहीं होगा।

उत्तर व दक्षिण निगम के मर्ज होने से पहले दिन आमजन को परेशान हुई। जन्म विवाह, मृत्यु प्रमाण-पत्र जैसे मूलभूत काम बंद है। सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं होने व स्टेशनरी नए निगम के अनुरूप नहीं होने के चलते रजिस्ट्रेशन करवाने आए लोगों को वापस लौटा दिया।
आयुक्त अशोक त्यागी ने बताया- सॉफ्टवेयर अपडेट होने के बाद सभी प्रकार के सर्टिफिकेट व आदेश कोटा नगर निगम के नाम से जारी हो सकेंगे। वहीं विकास कार्य पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि प्रशासक एक ही है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से जब तक नए पदों का सृजन नहीं होता, तब तक वर्तमान व्यवस्था के अनुसार ही कार्य संचालन किया जाएगा, जो भी अधिकारी कर्मचारी लगे हुए हैं वो उत्तर -दक्षिण के न होकर नगर निगम के होंगे। पहले की तरह उनका क्षेत्राधिकार बना रहेगा।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार को प्रपोजल भेजा है, जिसमें तहसीलदार, पटवारी, एएसपी, चीफ इंजीनियर की डिमांड की हैं क्योंकि लैंड होल्डिंग के लिए तहसीलदार की जरूरत होती है। कुछ पटवारी के पदों का सृजन किया है।
पहले निगम में डीएसपी का पद स्वीकृत था अब ASP पद की डिमांड की है। ऐसे ही निर्माण विभाग में चीफ इंजीनियर का पद था। उसकी डिमांड की है। इलेक्ट्रिक में भी चीफ इंजीनियर और एसई की डिमांड की गई है। उन्होंने कहा कि सिटिंग अरेंजमेंट में कोई बदलाव नहीं हुआ है केवल उत्तर मेयर के कमरे में प्रशासक बैठेंगे।
बाकी अन्य अधिकारी पहले की तरह बैठेंगे कमरों का एडजस्टमेंट किया जा सकता है यह बड़ा इशू नहीं है। पहले पार्षद जो काम करते थे। उन कामों की जिम्मेदारी सेनेटरी इंस्पेक्टर (एसआई) व जमादारों को दी है। सभी एसआई, जमादारों को निर्देश किया है किसी भी तरीके के सर्टिफिकेट सत्यापन में देरी न हो।
