बिजौलिया। उपखंड को मांडलगढ़ में विलय किए जाने की चर्चाओं के बीच स्थानीय कांग्रेस पदाधिकारियों व क्षेत्रीय प्रतिनिधियों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री के नाम उपखण्ड अधिकारी अजीत सिंह राठौड़ को ज्ञापन सौंप यथावत रखने की मांग की है।
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ज्ञापन में बताया गया कि यदि उपखंड कार्यालय बिजौलिया को मांडलगढ़ में विलय किया जाता है, तो इसका सीधा नुकसान ऊपरमाल की आम जनता को होगा। बिजौलिया से मांडलगढ़ की दूरी 50 से 75 किलोमीटर होने के कारण ग्रामीणों को राजस्व संबंधी कामों के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी, जिससे उनका समय, धन और श्रम तीनों की हानि होगी।

प्रतिनिधियों ने बताया कि बिजौलिया उपखंड में लगभग 124 राजस्व ग्राम और एक नगर पालिका आती है, जहां 80 हजार से एक लाख तक की आबादी निवास करती है। क्षेत्र खनन ज़ोन होने के कारण यह उपखंड जिला प्रशासन को सर्वाधिक राजस्व उपलब्ध करवाता है। यहां भूमि विवाद, बंटवारा, दावा-आपत्ति, फसल मुआवजा, जमानतदार से जुड़े मामलों की संख्या अधिक रहती है, जिनका समाधान उपखंड स्तर पर ही आवश्यक है।

कांग्रेस पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि यदि उपखंड कार्यालय को बिना जनभावना के विपरीत हटाया गया, तो कांग्रेस पार्टी सहित समस्त ऊपरमाल की जनता आंदोलन, धरना-प्रदर्शन एवं विरोध कार्यक्रम करने को बाध्य होगी।
ज्ञापन देते समय गोपाल शर्मा , मंडल अध्यक्ष अनिल राव , जिला परिषद सदस्य अंकित तिवारी, युवा कांग्रेस अध्यक्ष रामफूल धाकड़ , विक्रम सोनी, संजय वैद, दिलीप जैन , अनीता जैन, राहुल सेठिया , अरविंद, रणजीत कानावत, दिनेश पालीवाल, गजेन्द्र सिंह , किशन खटीक , विशाल तिवाड़ी, अकरम, चांद मोहम्मद, राजेंद्र माथुर सहित कई लोग शामिल रहे।
