पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने स्पेशल इंटेसिव रिवीजन (SIR) को लेकर हो रहे विवादों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। गहलोत ने कहा- पूरे देश में एसआईआर को लेकर विवाद हो रहे हैं, यह स्थिति क्यों बनी। यह स्थिति चुनाव आयोग की बेवकूफी की वजह से बनी। इसमें कहने में संदेह नहीं होना चाहिए। उनकी नीयत शुरू से ही खराब है, उनकी भाजपा और सरकार से मिलीभगत है।
गहलोत ने कहा- एसआईआर पर विवाद हो रहे हैं। पूरे देश में मुद्दा बना हुआ है, इसमें निर्वाचन आयोग की गलती है। जानबूझकर कन्ट्रोवर्सी पैदा कर रहे हैं। देश में ऐसा माहौल बनाने लग गया कि चुनाव आयोग पर लोगों को संदेह होने लग गया। गहलोत जयपुर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में इंदिरा गांधी की जयंती पर श्रद्धांजलि देने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
राहुल गांधी अकेला क्या करेगा, जनता को सड़कों पर आना पड़ेगा
गहलोत ने कहा- बिहार में धनबल के दम पर चुनाव जीता गया। बीच चुनाव महिलाओं के खातों में 10-10 हजार डाले जा रहे थे, चुनाव आयोग ने रोक नहीं लगाई।

जनता को सड़कों पर आना पड़ेगा
उन्होंने कहा- राहुल गांधी अकेला क्या करेगा, वह तो नेता प्रतिपक्ष होने के नाते बोल सकता है, जनता को आगे आना पड़ेगा। जनता को सड़कों पर आना पड़ेगा, क्योंकि हम लोग अहिंसा वाले लोग हैं। ये लोग तो हिंसा में विश्वास करते हैं, इनका विश्वास हिंसा में है। हमारा विश्वास अहिंसा में है। हमारा तरीका अलग है।
चुनाव आयोग सब दलों को विश्वास में लेता तो ये हालात नहीं बनते
गहलोत ने कहा- आयोग अगर सभी राजनीतिक दलों को बुलाकर विश्वास में लेकर एसआईआर करता तो यह स्थिति नहीं बनती। सब दलों को बुलाकर कहते कि पारदर्शी तरीके से वाटर लिस्ट बनेगी, कोई फर्जी नाम नहीं होगा, कोई सही व्यक्ति नहीं छूटेगा तो विवाद की कोई बात ही नहीं थी। सब दलों को विश्वास में लिए बिना बिहार चुनाव से ठीक पहले एसआईआर शुरू किया। राहुल गांधी ने मेहनत करके गड़बड़ी के सबूत दिए तो उल्टे उनसे ही एफिडेविट मांगा गया। होना यह चाहिए था कि चुनाव आयोग जांच करवाता और फिर बयान देता।
अभी तीन आत्महत्या हो गई, बंगाल में तो एसआईआर के चलते 20 लोगों के मरने की खबरें आ रही हैं। यह स्थिति क्यों बनी? यह स्थिति चुनाव आयोग की बेवकूफी से बनी, यह कहने में हमें संकोच नहीं होना चाहिए। अभी तो डाउट यही है। जिस तरह मुख्य निर्वाचन आयुक्त का व्यवहार है, उससे लगता है कि उनकी नीयत ठीक नहीं है।
सरकार के साथ मिलीभगत से काम कर रहे हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त का नेता प्रतिपक्ष और विपक्ष के साथ जैसा व्यवहार है ऐसा आज तक कभी देखा नहीं। कोई शिकायत होती है तो जांच होती है।
