बिजौलियां। नगर पालिका क्षेत्र के मण्डोल ग्राम के ग्रामीणों ने सोमवार को उपखण्ड अधिकारी अजीत सिंह राठौड़ को ज्ञापन सौंपकर बताया कि नगर पालिका बिजौलियां में शामिल किए जाने के बाद से गांव में विकास कार्य ठप हो गए हैं और मूलभूत सुविधाएँ गंभीर रूप से प्रभावित हुई हैं। ग्रामीणों ने कहा कि नगर पालिका क्षेत्र में आने के बाद रोजगार, पेयजल, सफाई, आवास योजनाएँ और आवश्यक सेवाओं में भारी अव्यवस्था पैदा हो गई है।
ग्रामीणों ने बताया कि नगर पालिका में शामिल होते ही मनरेगा कार्य पूरी तरह बंद हो गए, जबकि मण्डोल के अधिकांश परिवार मजदूरी पर निर्भर हैं। रोजगार रुकने से गरीब परिवारों के सामने आर्थिक संकट बढ़ गया है। पेयजल समस्या भी गंभीर है । गांव की कई विद्युत मोटरें खराब हैं और उनका रखरखाव नहीं हो रहा, वहीं चम्बल का पानी भी समय पर नहीं मिलने से लोगों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है।

प्रधानमंत्री आवास योजना की 90 दिन की राशि नगर पालिका क्षेत्र में शामिल होने के बाद से ग्रामीणों को नहीं मिल रही है, जबकि शहरी आवास योजना का लाभ अभी तक किसी को नहीं मिला है। कई परिवारों के एनएफएसए राशन कार्ड बंद हैं और बुजुर्गों की पेंशन भी प्रारंभ नहीं हो पा रही। जन्म-मृत्यु पंजीकरण, विवाह पंजीकरण तथा अन्य आवश्यक कार्यों में भी नगर पालिका कार्यालय में सुनवाई नहीं होने से ग्रामीणों को बार-बार चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
गांव में सफाई व्यवस्था ठप पड़ी है और कई जगह गंदगी फैली हुई है। सड़कों और रास्तों की मरम्मत या निर्माण कार्य भी पूरी तरह रुके हुए हैं। इसी तरह ग्राम मण्डोल के प्राथमिक विद्यालय में चारदीवारी नहीं होने से बच्चे मण्डोल बांध की तरफ चले जाते हैं, जिससे हादसे की आशंका बनी रहती है। ग्रामीणों ने पक्की बाउंड्री बनाने की मांग रखी।
लगभग 200 घरों वाले इस गांव में 90 प्रतिशत परिवार भील, मीणा और मजदूर वर्ग से आते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि नगर पालिका क्षेत्र में शामिल होने के बाद रोजगार, राशन, पेयजल और सरकारी योजनाओं का लाभ प्रभावित होने से हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि गांव की सभी समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाए, ताकि ग्रामीणों को राहत मिल सके।
