शक्करगढ़ में ‘श्री बुद्धि प्रकाशम’ की संगीतमय काव्य संध्या ने बांधा समां

BHILWARA
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शक्करगढ़

शक्करगढ़ स्थित श्री संकट हरण हनुमत धाम में ब्रह्मलीन संत अमराव जी महाराज के प्रथम निर्वाण महोत्सव के अंतर्गत गुरुवार रात्रि को आयोजित प्रसिद्ध कवि बुद्धि प्रकाश दाधीच की भव्य संगीतमय काव्य प्रस्तुति ‘श्री बुद्धि प्रकाशम’ ने पूरे वातावरण को साहित्य, भक्ति और मनोरंजन के अद्भुत संगम से सराबोर कर दिया।



कवि बुद्धि प्रकाश दाधीच ने अपने विशिष्ट अंदाज में धर्म, संस्कृति और भारतीय संस्कारों की महत्ता को अत्यंत प्रभावशाली काव्य–संगीत शैली में प्रस्तुत किया। कभी हृदय को छू लेने वाली भावनात्मक प्रस्तुति तो कभी ठहाकों से गूंजता पंडाल—उनका मंचन हर दृष्टि से यादगार रहा। गंभीर आध्यात्मिक विषयों को सरल भाषा, मधुर स्वर और हास्य–व्यंग्य के साथ प्रस्तुत करने की कला को श्रोताओं ने खूब सराहा। हर रचना पर तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा पंडाल गुंजायमान होता रहा।

कार्यक्रम के प्रारंभ में शक्करगढ़ के सुप्रसिद्ध कवि राजकुमार बादल ने मंच संभाला। उनकी प्रभावशाली प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को गहराई से सोचने पर मजबूर किया, वहीं हास्य ने कार्यक्रम में नई ताजगी भर दी। दर्शकों ने उनकी रचनाओं पर बार–बार दाद देते हुए तालियों से मंच को सम्मानित किया।

कवि सम्मेलन के दौरान महामंडलेश्वर स्वामी जगदीश पुरी महाराज भी उपस्थित रहे। उन्होंने कवि बुद्धि प्रकाश दाधीच एवं कवि राजकुमार बादल को आश्रम की ओर से शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का सफल संचालन आश्रम के मीडिया प्रभारी सुरेंद्र जोशी ने किया।

रात्रि देर तक चले इस भव्य आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु, ग्रामीणजन, कवि–रसिक एवं साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे और कार्यक्रम का भरपूर आनंद लिया।