शाहपुरा ।अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, राजस्थान (उच्च शिक्षा) के प्रदेश महामंत्री प्रो. रिछपाल सिंह के नेतृत्व में प्रदेश स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने राजस्थान में राजसेस महाविद्यालयों में चल रही संविदा आधारित भर्ती प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाने की मांग उठाई है। इस संबंध में संगठन की ओर से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन में कहा गया कि राजसेस महाविद्यालयों में पांच साल के लिए नियत वेतन पर अस्थायी शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रदेश की उच्च शिक्षा व्यवस्था के लिए नुकसानदायक है। संविदा पद्धति से न तो संस्थानों को स्थायित्व मिल पाएगा और न शिक्षकों को सुरक्षित भविष्य, जिससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था प्रभावित होगी। संगठन ने इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों के विपरीत बताते हुए कहा कि स्थायी नियुक्तियां ही शिक्षा का सुदृढ़ आधार होती हैं।
महासंघ ने मांग की कि राजसेस महाविद्यालयों को सामान्य राजकीय महाविद्यालयों के रूप में परिवर्तित कर राजकीय सेवाओं के नियमानुसार सहायक आचार्यों की नियमित भर्ती की जाए तथा शीघ्र पदस्थापन सुनिश्चित किया जाए।

इसके साथ ही राजसेस योजना की समीक्षा के लिए गठित सोडाणी समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग भी संगठन द्वारा उठाई गई। महासंघ ने कहा कि रिपोर्ट सामने आने से योजना की वास्तविक स्थिति स्पष्ट होगी और प्रदेश की उच्च शिक्षा नीति में आवश्यक सुधार संभव हो सकेंगे।
प्रदेश भर के सभी विश्वविद्यालयों में करियर एडवांसमेंट स्कीम (सीएएस) के अंतर्गत पदोन्नतियों को चरणबद्ध तरीके से समय पर पूरा कराने की मांग ज्ञापन में रखी गई। विशेष रूप से एमबीएम विश्वविद्यालय में वर्षों से लंबित सीएएस प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण करने की आवश्यकता पर संगठन ने जोर दिया।
प्रतिनिधिमंडल की ओर से “राजयोगिनी अहिल्याबाई होल्कर” एवं “मेरा विद्यालय मेरा तीर्थ” पुस्तकें भेंट की गईं।
प्रतिनिधिमंडल में प्रो. ओमप्रकाश देवासी, प्रो. बलवीर चौधरी, प्रो. केसूराम पंवार, प्रो. हरिसिंह राजपुरोहित, डॉ. चंद्रवीर सिंह भाटी, जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय इकाई से प्रो. सुनील मेहता, प्रो. विकल गुप्ता तथा एमबीएम विश्वविद्यालय इकाई से डॉ. सिमरन चौधरी एवं प्रो. अनिल कुमार गुप्ता शामिल रहे।
महासंघ ने स्पष्ट किया कि यदि संविदा भर्ती प्रक्रिया पर तत्काल रोक नहीं लगी और स्थायी नियुक्तियों की दिशा में ठोस कदम नहीं उठए गए तो प्रदेश भर में आंदोलन तेज किया जाएगा।
