बिजौलिया में रैली निकाल कर उपखंड अधिकारी को सौंपा ज्ञापन, न्याय की गुहार
बिजौलिया ।
जुलाई 2024 में ग्राम पंचायत से नगर पालिका में क्रमोन्नत हुई बिजौलिया में व्यवस्थाओं के बजाय समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। नगर पालिका बनने के बाद पंचायत में वर्षों से सफाई का कार्य कर रहे कई कर्मचारियों को बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है। इसी क्रम में बुधवार को हैला समाज के लोगों ने नगर पालिका की कार्यशैली के खिलाफ रैली निकालकर विरोध दर्ज कराया और उपखंड अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर रोजगार की मांग की।
ज्ञापन में लगाए गंभीर आरोप
हैला समाज के लोगों ने ज्ञापन में बताया कि वे रियासतकाल से पीढ़ी दर पीढ़ी ग्राम पंचायतों में सफाई कार्य करते आ रहे हैं। नगर पालिका बनने से पूर्व भी वे सफाई कार्य में नियमित रूप से लगे हुए थे। लेकिन पालिका बनने के बाद उनकी उपेक्षा कर दी गई।
हैला समाज ने बताया कि हड़ताल से पूर्व उनके समाज के 38 सफाईकर्मी कार्यरत थे, जिन्हें हड़ताल समाप्त होने के बाद भी कार्य पर नहीं लिया गया, जबकि वाल्मीकि समाज के 30 सफाई कर्मचारियों को पुनः नियुक्त कर कार्य पर लगा दिया गया।

हड़ताल के बहाने किया गया चयन?
हैला समाज के अनुसार, नगर पालिका बनने के बाद सफाई कर्मियों की यूनियन बनाई गई, जिसमें वाल्मीकि समाज और हैला समाज शामिल रहा । यूनियन में नेताओ ने हड़ताल का आह्वान कर सभी कर्मचारियों को कार्य पर जाने से रोका और बाद में विधायक गोपाल खंडेलवाल से मिलकर केवल वाल्मीकि समाज के 30 लोगों को कार्य पर लगवा दिया।
हैला समाज ने इसे सुनियोजित धोखा बताया और कहा कि उनके समाज के गरीब, विधवा, दिव्यांग व जरूरतमंद सफाईकर्मी बेरोजगार हो गए, जबकि वे वर्षों से नगर में सफाई कार्य कर रहे थे।
प्रशासन तक पहुंची बात, फिर भी अनसुनी
हैला समाज ने इस भेदभाव को लेकर उपखंड अधिकारी, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका और विधायक तक को ज्ञापन सौंपे, लेकिन अब तक कोई ठोस और संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई। इससे समाज में भारी आक्रोश है।
सामूहिक रैली और ज्ञापन में जताया विरोध
बुधवार को समाज के दर्जनों लोगों ने पंचायत चौक से उपखंड कार्यालय तक रैली निकालते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान मांगीलाल, मुन्नी, जावेद, रुकसाना, शबाना, अब्दुल गनी, जावेद सिकंदर, जानू, हाफिज हुसैन सहित सैकड़ों समाजजन उपस्थित रहे।
समाज की मांग
हैला समाज ने मांग की है कि—
वर्तमान में कार्यरत सफाईकर्मियों की सूची की जांच कर निष्पक्ष कार्रवाई हो। हड़ताल से पूर्व कार्यरत हैला समाज के सभी सफाईकर्मियों को पुनः कार्य पर लगाया जाए। पालिका में जातीय भेदभाव रोकते हुए पारदर्शी और समान अवसर की नीति अपनाई जाए।