परीक्षा परिणामो की होगी समीक्षा,संस्था प्रधानो व शिक्षको का तबादला और चार्जशीट

BHILWARA
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डाॅ.चेतन ठठेरा स्वतंत्र पत्रकार

जयपुर। राजस्थान का शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में बोर्ड के परीक्षा परिणाम में सुधार लाने और नामांकन बढ़ाने के लिए समीक्षा करने और मापदंड तय करने के लिए सख्त हो गया है भागने इसके लिए मापदंड का पैमाना भी निर्धारित कर दिया है और शिक्षा निदेशक बाकायदा इसके लिए दिशा निर्देश भी जारी कर दिए हैं। समीक्षा और मापदंड में फेल होने वाले संस्था प्रधानों और शिक्षकों के तबादा के साथ-साथ चार्जशीट दी जाएगी तथा पास होने वाले संस्था प्रधानों और शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने नए मानदंडों के साथ समीक्षा की समय सारिणी जारी इस पर अमल करने के लिए कहा है। संस्था प्रधान व शिक्षकों के परिणाम की समीक्षा 30 जुलाई तक होगी। 10 अगस्त तक आरोप पत्र जारी कर 25 अगस्त तक जवाब प्राप्त किए जाएंगे। इसी तरह आगे की पूरी कार्यवाही 30 नवंबर तक की जाएगी।
निदेशक मोदी द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि कक्षा 10 वीं व 12 वीं बोर्ड का परीक्षा परिणाम 90 फीसदी या अधिक तथा कक्षा 5 वीं व आठवीं में 90 फीसदी या अधिक विद्यार्थियों के ए ग्रेड मिलने पर संस्था प्रधान के परिणाम को श्रेष्ठ मानते हुए गणतंत्र दिवस पर सम्मानित किया जाएगा। इसी तरह 12वीं का परिणाम 60 प्रतिशत या उससे कम, 10 वीं का 50 फीसदी या उससे कम और कक्षा 8 व 5वीं के परिणाम में 50 फीसदी या ज्यादा विद्यार्थियों के ई ग्रेड आने पर परिणाम न्यून मानते हुए कार्रवाई की जाएगी।
संस्था प्रधान व शिक्षक का पिछले पांच वर्षो में परीक्षा परिणाम एक बार मानदंड से कम रहने पर लिखित चेतावनी दी जाएगी और तबादला किया जा सकेगा। लगातार दो वर्षों या पिछले पांच में से किसी तीन वर्षों में कमजोर परिणाम पर 17 सीसीए की कार्रवाई की जाएगी। हालांकि कार्यवाहक सहित कुछ मामलों में मानदंड में 50 फीसदी की छूट होगी।

परिणाम का मापदंड क्या

कक्षा 12 व 10 में पढ़ाए गए विषय का परिणाम 90 प्रतिशत या उससे अधिक रहने पर तथा कक्षा 8 व 5 में विषय के परिणाम में 95 प्रतिशत या इससे अधिक विद्यार्थी ए ग्रेड पाने पर सभी कक्षाओं के समेकित परिणाम के आधार पर शिक्षकों का परिणाम श्रेष्ठ माना जाएगा। जबकि विषय का 12वीं में 70 व 10वीं में 60 प्रतिशत या उससे कम परिणाम तथा 8वीं व 5वीं में 40 प्रतिशत या उससे ज्यादा विद्यार्थियों के ई ग्रेड होने पर परिणाम कमजोर मानते हुए कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग ने संस्था प्रधान व विषय शिक्षकों के श्रेष्ठ परिणाम में 10 नामांकन वृद्धि की शर्त भी जोड़ी है। यदि स्कूल में 10 विद्यार्थी नहीं जोड़े तो बाकी मानदंड पूरे करने पर भी श्रेष्ठ परिणाम का सम्मान नहीं दिया जाएगा। किसी एक बोर्ड परीक्षा में परिणाम न्यून होने पर भी प्रमाण पत्र नहीं दिया जाएगा।