शक्करगढ़
शक्करगढ़। बेइ ग्राम पंचायत की निलंबित प्रशासक फौरी देवी मीणा ने गुरुवार को उच्च न्यायालय जोधपुर के आदेश क्रमांक cw14753/2025 के बाद एक बार फिर अपने पद का कार्यभार संभाल लिया ग्राम विकास अधिकारी सविता मीना ने पद भार ग्रहण कराया यह कार्यभार ग्रहण अवसर राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से खासा चर्चित रहा, क्योंकि तीन माह पूर्व राज्य सरकार ने फौरी देवी को निलंबित कर दिया था, जो स्थानीय राजनीति में पूर्व राज्य मंत्री धीरज गुर्जर गुट की समर्थक मानी जाती हैं।
निलंबन और कानूनी लड़ाई
करीब तीन महीने पहले राज्य सरकार ने प्रशासनिक कारणों का हवाला देकर फौरी देवी मीणा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। इस निर्णय को चुनौती देते हुए उन्होंने उच्च न्यायालय जोधपुर में याचिका दायर की। लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद न्यायालय ने निलंबन आदेश को निरस्त करते हुए उन्हें तत्काल कार्यभार ग्रहण कराने के निर्देश दिए।
पदभार ग्रहण पर उमड़ा जनसमूह
गुरुवार को बेइ ग्राम पंचायत कार्यालय में हुए औपचारिक कार्यक्रम में ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र सिंह कानावत, शक्करगढ़ कांग्रेस मंडल अध्यक्ष सत्यनारायण सेन, स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता और सैकड़ों की संख्या में ग्रामवासी मौजूद रहे। जैसे ही फौरी देवी ने अपने पद पर बैठकर हस्ताक्षर किए, पूरे परिसर में जयकारों और तालियों की गूंज सुनाई दी। ग्रामीणों ने फूलमालाओं से उनका जोरदार स्वागत किया और मिठाई बांटकर खुशी का इजहार किया।
स्थानीय राजनीति में नई हलचल
फौरी देवी के पुनः पदभार ग्रहण से स्थानीय राजनीति में नई हलचल पैदा हो गई है। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि यह फैसला न केवल ग्राम पंचायत की कार्यप्रणाली पर असर डालेगा, बल्कि आगामी पंचायत चुनावों में भी समीकरण बदल सकता है। कांग्रेस के धीरज गुर्जर समर्थक गुट के लिए यह मनोबल बढ़ाने वाली घटना मानी जा रही है।
ग्रामवासियों का कहना है कि प्रशासक के नेतृत्व में पंचायत के विकास कार्यों में तेजी आएगी। वहीं, विपक्षी गुट इस पूरे घटनाक्रम को लेकर अब नई रणनीति बनाने में जुट गया है,,
