SI Paper Leak: फर्जी SI मोनिका जाट ने जेल में बच्ची को दिया जन्म, आरोपी प्रियंका गोस्वामी पुलिस को चकमा देकर बीच रास्ते से हुई फरार

BHILWARA
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Rajasthan News: एसओजी ने झुंझुनूं पुलिस लाइन में तैनात मोनिका जाट को भी नोटिस के जरिए पूछताछ के लिए बुलाया था। मोनिका जयपुर एसओजी मुख्यालय पहुंची तो पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

SI Recruitment Exam 2021 Paper Leak Case Update: स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की जांच में अभी 10 उप निरीक्षक और दोषी पाए गए हैं, जिनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। इनमें से एक महिला उप निरीक्षक प्रियंका गोस्वामी एसओजी और जैसलमेर पुलिस को खूब छका रही है।

एसओजी ने एसआई भर्ती परीक्षा 2021 पेपर लीक मामले में राजस्थान पुलिस अकादमी (आरपीए) में ट्रेनिंग ले रहे सब इंस्पेक्टरों की गिरफ्तारी शुरू की। आरपीए से प्रियंका गोस्वामी अन्य एक महिला उप निरीक्षक के साथ ट्रेनिंग बीच में छोड़कर भाग गई। एसओजी उसकी तलाश में जुटी थी। तभी उसने जैसलमेर में पोस्टिंग ले ली।

इधर मोनिका ने जेल में दिया बच्ची को जन्म
एसओजी ने झुंझुनूं पुलिस लाइन में तैनात मोनिका जाट को भी नोटिस के जरिए पूछताछ के लिए बुलाया था। मोनिका जयपुर एसओजी मुख्यालय पहुंची तो पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में उसे न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया। जेल में मोनिका ने 4 अगस्त को बच्ची को जन्म दिया। मोनिका ने कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी कोर्ट ने जमानत की बजाय जेल प्रशासन को सभी मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए थे।

नोटिस भेजा तो भागी बीच रास्ते से
एसओजी ने जैसलमेर एसपी को आरोपी प्रियंका गोस्वामी को जयपुर एसओजी मुख्यालय में अनुसंधान अधिकारी के समक्ष पेश करने का पत्र लिखा। एसपी ने प्रियंका को नोटिस जारी कर एसओजी मुख्यालय में उपस्थित होने का नोटिस जारी किया। जैसलमेर की पुलिस लाइन में तैनात प्रियंका को एसओजी ने 18 मार्च को पूछताछ के लिए जयपुर बुलाया था और 21 मार्च को वह जैसलमेर से जयपुर एसओजी मुख्यालय के लिए रवाना हुई लेकिन बीच रास्ते में मोबाइल बंद कर भाग गई, जिसका अभी तक सुराग नहीं लग सका।

कोर्ट के आदेश की पालना भी नहीं की
एसओजी सूत्रों के मुताबिक आरपीए से भागने के बाद आरोपी प्रियंका ने कोर्ट का आदेश पेश किया जिसमें लिखा था कि आरोपी एसओजी अनुसंधान अधिकारी का सहयोग करे। अनुसंधान अधिकारी गिरफ्तार करने की बजाय पहले नोटिस दे लेकिन अनुसंधान अधिकारी के समक्ष उपस्थित नहीं हुई। पुलिस विभाग में उसको जैसलमेर जिला अलॉट हुआ था और इस दौरान उसने जैसलमेर पुलिस में सब इंस्पेक्टर की पोस्टिंग ले ली।