बिजौलियां।
दिगंबर जैन समाज के दस लक्षण धर्म महापर्व का समापन शनिवार को उत्तम ब्रह्मचर्य पर्व की आराधना के साथ हुआ। दिनभर धार्मिक कार्यक्रमों और भक्ति भावना से वातावरण गुंजायमान रहा।
सुबह बड़े जैन मंदिर में एक साथ सात प्रतिमाओं की शांतिधारा संपन्न हुई। इस पुण्यकार्य का लाभ ओमप्रकाश विमलकुमार सोनी परिवार, लाभचंद अनूपकुमार, शांतिलाल राजेंद्रकुमार, अनिलकुमार ठग, घीसीलाल पदम, पारस गोधा, सुरेश, नीलेश, दीपेश, प्रवल, कस्तूरचंद पारस और आशीष ठग परिवार को प्राप्त हुआ। पूजा के दौरान वासुपूज्य भगवान के मोक्ष कल्याणक पर निर्वाण लड्डू चढ़ाए गए।

दोपहर में बड़े मंदिर से शोभायात्रा निकाली गई, जो मुख्य बाजार से होकर गुजरी। यात्रा पर नगर वासियो की ओर से पुष्पवर्षा की गई । यात्रा के पुनः मंदिर पहुंचने पर संतशाला में भगवान चंद्रप्रभु की प्रतिमा पर कलशाभिषेक हुआ।
इस दौरान समाज की महिलाएँ और युवाओं ने तपस्या कर पुण्यार्जन किया। मैना लुहाड़िया व पिंकी लुहाड़िया ने दस-दस धर्म उपवास किए। वहीं, सुनीता सोनी, हेमंत ठोला व उनकी पत्नी, मां-बेटे सरोज व दिव्यांश लुहाड़िया, अनय बगड़ा, परिधि पटवारी, ललिता ठग और गीतिका सेठिया ने रत्नत्रय के तीन-तीन उपवास किए।
शाम को आरती और भक्ति के बाद समाजजनों ने वर्षभर में हुई भूलों और त्रुटियों के लिए एक-दूसरे से क्षमा याचना कर आत्मशुद्धि का संकल्प लिया।