ऑनलाइन शॉपिंग से बिजौलिया बाजार की रौनक फीकी

BHILWARA
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बिजौलिया (नरेश धाकड़)।
डिजिटल युग का सबसे बड़ा असर अब बिजौलिया के पारंपरिक बाजारों पर साफ दिखाई देने लगा है। ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते चलन ने यहां के छोटे व मध्यम व्यापारियों की कमर तोड़ दी है। पहले जहां त्योहारों व छुट्टियों पर बाजारों में भीड़ उमड़ती थी, वहीं अब दुकानों पर ग्राहकों की चहल-पहल कम हो गई है। सड़कों पर रौनक घट गई है और कई दुकानदार मंदी की मार से परेशान हैं।

व्यापारियों का कहना है कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर भारी छूट और ऑफर्स मिलने से ग्राहक अब घर बैठे ही कपड़े, जूते, मोबाइल एक्सेसरीज़, कॉस्मेटिक और घरेलू सामान खरीद रहे हैं। खासकर युवा वर्ग मोबाइल पर ही ऑर्डर करना ज्यादा सुविधाजनक समझ रहा है। इससे दुकानों में पहले जैसी भीड़ नहीं दिखती और कारोबार पर सीधा असर पड़ रहा है।



फैंसी स्टोर और कॉस्मेटिक व्यवसायियों का कहना है कि आज लगभग 75 प्रतिशत महिलाएं और युवतियां अपना सामान ऑनलाइन ही मंगवा रही हैं। मोबाइल व्यापारियों का कहना है कि पहले ग्राहक दुकान पर कवर, हेडफोन या ईयरफोन जैसी छोटी-छोटी चीजें खरीदने आते थे, लेकिन अब यह सब मोबाइल पर ही ऑर्डर कर लेते हैं। फुटवियर व्यवसायियों के अनुसार, ऑनलाइन खरीदारी ने छोटे व मध्यम दुकानदारों को तंगी में डाल दिया है और कई बार ग्राहक ठगी का भी शिकार हो जाते हैं।



त्योहारों के मौके पर बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां आकर्षक ऑफर्स और कैशबैक की घोषणा करती हैं। ऐसे में लोग बाजार जाने की बजाय ऑनलाइन ही खरीदारी कर लेते हैं। इससे स्थानीय बाजारों में कंपटीशन बढ़ा है और व्यापारियों का मार्जिन भी घटा है। यही वजह है कि आज बिजौलिया के व्यापारी खुलकर कह रहे हैं कि ऑनलाइन शॉपिंग की वजह से कारोबार पर गहरा संकट मंडरा रहा है।

हालांकि व्यापारी मानते हैं कि इस दौर में टिके रहने के लिए उन्हें भी डिजिटल साधनों को अपनाना होगा। ऑनलाइन बिक्री, सोशल मीडिया प्रचार और ग्राहकों को बेहतर ऑफर्स देना अब जरूरी हो गया है। साथ ही उनका यह भी कहना है कि सरकार को छोटे व्यापारियों के हित में ठोस कदम उठाने चाहिए, ताकि बिजौलिया जैसे कस्बों के बाजारों की रौनक फिर से लौट सके।