नानी की आंखों के आंसू भी पिघला न सके आरोपी मां-नाना का पत्थर दिल
मांडलगढ़ / बिजोलिया । सीता कुंड जंगल में 20 दिन के नवजात को पत्थरों के नीचे दबाकर मरने के लिए छोड़ने की सनसनीखेज वारदात का थाना पुलिस ने महज 48 घंटे में पर्दाफाश कर दिया। पुलिस ने इस मामले में मासूम की मां और नाना को गिरफ्तार किया है।

जानकारी के अनुसार इंसानियत को झकझोर देने वाली सीता का कुंड की वारदात में 20 दिन के नवजात को उसकी ही मां और नाना ने जंगल में पत्थरों के नीचे दबाकर मरने के लिए छोड़ दिया। सबसे दर्दनाक दृश्य तब सामने आया जब मासूम को मौत के आगोश में जाते देख उसकी नानी फूट-फूटकर रोती रही, बार-बार रोकने की कोशिश करती रही, लेकिन निर्दयी मां और नाना ने उसकी एक न सुनी।
भगवान की दया और पुलिस की तत्परता से वह मासूम अब भी जिंदा है, लेकिन घटना ने पूरे इलाके को हिला दिया है। फिलहाल पुलिस की जांच जारी है ।
नाना ने रचा मासूम की हत्या का षड्यंत्र
पुलिस जांच में सामने आया कि युवती के अवैध संबंधों से गर्भवती होने की बात परिवार को छह माह बाद पता चली। समाज और गांव की बदनामी से बचने के लिए परिजन बूंदी जिले के बंधा का खेड़ा गांव जाकर रहने लगे। 4 सितम्बर को प्रसव पीड़ा होने पर युवती को बूंदी के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां कथित पति का फर्जी नाम दर्ज कर उसका प्रसव कराया गया और बच्चे का जन्म हुआ।
लेकिन यह मासूम परिवार के लिए खुशियों का कारण नहीं, बल्कि बोझ बन गया। 23 सितम्बर को युवती, नाना और नानी बस से सीता कुंड महादेव पहुंचे। सुनसान जंगल में नाना ने बच्चे के मुँह में फेविक्विक डालकर पत्थर ठूंस दिया और बड़े पत्थरों के ढेर में दबा दिया।
नानी की चीख-पुकार भी न पसीज सकी निर्दय दिल
वारदात के दौरान नानी का कलेजा फट रहा था। वह पति और बेटी को बार-बार रोकती रही, रो-रोकर कहती रही कि मासूम को मत मारो, पर उसकी कोई बात नहीं सुनी गई। निर्दय मां और नाना ने उसे चुप कराते हुए नवजात को मौत के हवाले कर दिया और फिर तीनों वहां से तिलस्वां महादेव की धर्मशाला में जाकर सो गए।
जीवटता ने दी मासूम को नई जिंदगी
पत्थरों के नीचे दबा मासूम मौत से जूझ रहा था, लेकिन किस्मत ने उसे नई जिंदगी दी। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और बच्चे को निकालकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया। गर्म पत्थरों पर पड़े रहने और मुँह बंद कर देने से नवजात को गंभीर संक्रमण हो गया , शरीर में गर्मी से जल गया, लेकिन डॉक्टरों की देखरेख में उसका उपचार चल रहा है।
पुलिस की कड़ी पड़ताल और तेज कार्रवाई
थाना प्रभारी घनश्याम मीणा के निर्देशन में टीम ने अस्पतालों के रिकॉर्ड, मुखबिरों और तकनीकी जानकारी के आधार पर पड़ताल कर मां और नाना तक पहुंच बनाई। वारदात के महज 48 घंटे के भीतर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। अब पुलिस नवजात और मां का डीएनए टेस्ट कराने की तैयारी कर रही है, ताकि कानूनी कार्रवाई पुख्ता हो सके।
बच्चे को गोद लेने की होड़ ।
वारदात सामने आने के बाद समाज के कई दंपत्ति अस्पताल भी पहुंचे और मासूम को गोद लेने की इच्छा जताई। लोग इस बच्चे को भगवान की देन मानते हुए कहते हैं कि शायद उसी ने इस मासूम की रक्षा की है।
नाना और मां का अपनी ही संतान को मिटाने का दुस्साहस :
यह घटना केवल एक परिवार की निर्दयता नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए आईना है। बदनामी के डर से नाना और मां ने अपनी ही संतान को मिटाने का दुस्साहस किया, जबकि नानी अपने आंसुओं में इंसानियत को जगाने की कोशिश करती रही।