अंता उपचुनाव के लिए नरेश मीणा ने भरा नामांकन:परिवार के साथ जनता को किया दंडवत प्रणाम, बोले-भाया ने खुल्ला भ्रष्टाचार का खेल खेला

BHILWARA
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बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए नरेश मीणा ने मंगलवार को नामांकन दाखिल किया। इस दौरान नरेश मीणा के साथ उनकी पत्नी, बच्चे, माता-पिता समेत सैकडों की संख्या में समर्थक मौजूद रहे।

नरेश मीणा दोपहर 12 बजे अंता एसडीएम ऑफिस पहुंचे। यहां 12 बजकर 10 मिनट पर उन्होंने निर्वाचन अधिकारी हवाई सिंह को अपना नामांकन पत्र सौंपा। इसके बाद नरेश मीणा ने परिवार के साथ अंता की जनता को दंडवत प्रणाम किया। उन्होंने कहा-“इस दंडवत को अंता की जनता अपने चरणों में दंडवत माने और मुझे आशीर्वाद दे।”

पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया पर साधा निशाना
इस दौरान नरेश मीणा ने कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा-“प्रमोद जैन भाया को अंता की जनता ने दो बार सत्ता में रहने का मौका दिया। दो बार विधायक बनाया है। जब वे सत्ता रहे तो खुल्ला भ्रष्टाचार का खेल भी उन्होंने खेला। जब वे दो बार चुनाव हार कर विपक्ष की भूमिका में रहे तो एक भी जनता के लिए धरना प्रदर्शन नहीं किया। मैं तो अभी किसी पद पर नहीं हूं। मगर मैने जब 2023 में किसानों के मुद्दे पर कलेक्ट्री का घेराव किया था। उस समय किसी किसान को खाद के लिए लाइन में नहीं लगना पड़ा था। मगर आज स्थिति पहले जैसी ही है। बजरी का अवैध खनन होता है। ठेकेदार बजरी में बड़ा मुनाफा कमाते हैं।

मगर अंता की जनता को बजरी महंगी मिलती है। मैं उन बजरी के ठेकेदारों पर नकेल कसूंगा। जो किसान खाद के लिए लाइनों में लगते हैं। समर्थन मूल्य के कांटों के लिए भटकते हैं। जिन्हें बिजली नहीं मिलती है। गांव में पानी की समस्या है। सड़क की समस्या है। मैं उनके लिए खड़ा रहूंगा।”

नरेश मीणा का जन्म 1979 में बारां जिले की अटरू तहसील के नया गांव में हुआ था। उनके पिता कल्याण सिंह और मां गांव की सरपंच रह चुकी हैं। नरेश मीणा की पत्नी सुनीता मीणा जिला परिषद की सदस्य रह चुकी हैं। वहीं उनके भाई की पत्नी पंचायत समिति सदस्य रहीं।

वहीं इससे पहले 13 अक्टूबर को कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद जैन भाया ने अपना नामांकन दाखिल किया था। साथ ही बीजेपी प्रत्याशी की घोषणा होना अभी तक बाकी है।

देवली-उनियारा उपचुनाव-2024 में उपखंड अधिकारी (SDM) को थप्पड़ मारने वाले नरेश मीणा सोमवार को जेल से बाहर आ गए। वे 8 महीने से टोंक जेल में बंद थे। 11 जुलाई को राजस्थान हाईकोर्ट ने समरावता हिंसा केस में जमानत दी थी। थप्पड़कांड में नरेश को पहले ही जमानत मिल चुकी थी।