दिल थम गया…पर स्टीयरिंग नहीं छोड़ी :हार्ट अटैक के बाद भी ड्राइवर ने 50 किलोमीटर तक बस चलाई, यात्रियों को सुरक्षित पहुंचाया

BHILWARA
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बिजोलिया।
राजस्थान रोडवेज के चालक ने रविवार को इंसानियत और कर्तव्य का ऐसा उदाहरण पेश किया,  जिसने हर किसी की आंखें नम कर दीं। उदयपुर से बूंदी जा रही रोडवेज बस के ड्राइवर रमेश बैरागी (48) को बिजोलिया के पास अचानक सीने में तेज दर्द हुआ। तबीयत बिगड़ने के बावजूद उसने बस नहीं रोकी और यात्रियों की सुरक्षा को अपनी प्राथमिकता माना। दर्द से तड़पते हुए भी वो लगभग 50 किलोमीटर दूर बूंदी बस स्टैंड तक बस चलाते रहा।

जानकारी के अनुसार, जब बस बिजोलिया मार्ग से गुजर रही थी, तभी रमेश बैरागी ने सहचालक को बताया कि सीने में भारी दर्द हो रहा है। उसने तत्काल बूंदी डिपो प्रबंधक धनश्याम गौड़ को फोन कर अपनी स्थिति की जानकारी दी। डिपो से सहायता भेजने की बात कही गई, लेकिन रमेश ने जवाब दिया पहले यात्रियों को बूंदी पहुंचा दूं, फिर हॉस्पिटल चलूंगा।

रास्ते में यात्रियों ने बताया कि ड्राइवर रमेश कई बार पसीना पोंछते हुए नजर आए, पर बस को पूरी सावधानी से चलाते रहे। न उन्होंने गति बढ़ाई, न वाहन पर नियंत्रण खोया। यात्रियों के अनुसार, वो दर्द से कराह रहे थे, मगर बस पर उनकी पकड़ ढीली नहीं हुई।

जब बस बूंदी बस स्टैंड पहुंची, तो उन्होंने हमेशा की तरह बस को सही स्थान पर खड़ा किया। यात्रियों को सुरक्षित उतरवाया । जैसे ही बस से अंतिम यात्री नीचे उतरा, रमेश सीट पर ही बेहोश होकर गिर पड़े। मौके पर मौजूद स्टाफ और अन्य ड्राइवरों ने तुरंत उन्हें जिला चिकित्सालय पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया।


बूंदी जिला चिकित्सालय के डॉ. निश्चिंत ने बताया कि जब रमेश को लाया गया, वे अचेत अवस्था में थे। सीपीआर और अन्य प्रयासों के बावजूद उनका दिल पहले ही काम करना बंद कर चुका था।

डिपो प्रबंधक धनश्याम गौड़ ने कहा कि रमेश बैरागी ने अंतिम सांस तक अपनी ड्यूटी निभाई। उन्होंने हमें फोन पर बताया था कि तबीयत खराब है, लेकिन फिर भी यात्रियों को सुरक्षित बूंदी तक लेकर आए । यह उनके फर्ज और समर्पण का उदाहरण है।

घटना की सूचना मिलते ही बिजोलिया और बूंदी रोडवेज डिपो में शोक की लहर दौड़ गई। सहकर्मियों ने कहा रमेश भाई ने सिर्फ बस नहीं चलाई, उन्होंने यात्रियों की जान बचाई।

रमेश बैरागी की उम्र 48 वर्ष थी। वे पिछले 20 वर्षों से बूंदी डिपो में ड्राइवर पद पर कार्यरत थे। उदयपुर–बूंदी रूट पर उनकी सेवा को लेकर यात्रियों और अधिकारियों में हमेशा विश्वास रहा।