Rajasthan News: राष्ट्रीय पशुपालक संघ और राजस्थान डीएनटी संघर्ष समिति की 10 सूत्री मांगों को लेकर पाली जिले में शुरू हुआ महापड़ाव शनिवार को दूसरे दिन भी जारी रहा
राष्ट्रीय पशुपालक संघ और राजस्थान डीएनटी (घुमंतू, अर्ध-घुमंतू एवं विमुक्त) संघर्ष समिति की 10 सूत्री मांगों को लेकर पाली जिले के बालराई गांव के पास अहमदाबाद-जोधपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर शुरू हुआ महापड़ाव शनिवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। प्रदर्शनकारियों ने हाईवे को दोनों तरफ से जाम कर रखा है, जिससे कीरवा से पलराई तक करीब 5 किलोमीटर लंबा जाम लग गया। पुलिस ने भारी बल तैनात कर दिया है और जिला कलेक्टर एलएन मंत्री व एसपी आदर्श सिद्धू खुद मौके पर डटे हुए हैं।

पाली-सुमेरपुर मार्ग पूरी तरह बंद
शुक्रवार को स्थिति उस समय बिगड़ गई जब समझाइश के बावजूद प्रदर्शनकारी नहीं हटे। भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया और हाईवे को खाली कराया। इसके बाद ट्रैफिक को हेमावास-नाडोल मार्ग से डायवर्ट करना पड़ा। पणिहारी और हेमावास चौराहों पर देर रात तक भारी जाम रहा। ट्रक-टैंकर चालक घंटों फंसे रहे और कईयों को सड़क किनारे ही रात गुजारनी पड़ी। शनिवार सुबह भी पाली-सुमेरपुर मार्ग बंद रहा और वाहनों को वैकल्पिक रास्तों से गुजारा जा रहा है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष लालसिंह देवासी और लालजी देवासी के नेतृत्व में हजारों की संख्या में लोग सड़क पर डटे हैं। सोशल मीडिया पर लगातार अपील की जा रही है कि ज्यादा से ज्यादा लोग धरना स्थल पहुंचें। बाड़मेर के शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और रालोपा सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने भी महापड़ाव का खुला समर्थन किया है।
क्या हैं 10 प्रमुख मांगें?
• घुमंतू-विमुक्त समुदायों के लिए केंद्र में अलग मंत्रालय का गठन
• आवास के लिए जमीन के पट्टे
• बच्चों की शिक्षा के लिए अलग बजट प्रावधान
•पंचायत एवं स्थानीय निकाय चुनावों में आरक्षण
• डीएनटी सूची में दर्ज गड़बड़ियों का सुधार
• सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण
• पशुपालक समाज को सामाजिक-आर्थिक मान्यता
• घुमंतू समुदायों के पारंपरिक पशुचारण मार्गों को मुक्त कराना
• बकरी पालन को कृषि का दर्जा देना
• समुदाय के लोगों पर दर्ज पुराने मुकदमों को वापस लेना
इस वजह से हिंसक हुआ प्रदर्शन
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि एक नवंबर से पाली में शांतिपूर्ण धरना चल रहा था, लेकिन गुरुवार रात पुलिस ने उनके टेंट उखाड़ने शुरू कर दिए, खाना पकाने के बर्तन जब्त कर लिए और आसपास के होटलों को खाना देने से मना कर दिया। इससे भड़की भीड़ ने शुक्रवार को हाईवे पर महापड़ाव डाल दिया।पुलिस का पक्षपाली एसपी आदर्श सिद्धू ने कहा, “हमने कई दौर की बातचीत की, शांतिपूर्ण समझाइश की, लेकिन कुछ शरारती तत्वों ने पत्थरबाजी कर दी। मजबूरन लाठीचार्ज करना पड़ा। अब स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। हाईवे किनारे भारी पुलिस जाप्ता तैनात है और लगातार गश्त हो रही है।
प्रदर्शनकारियों ने दी ये चेतावनी
वहीं प्रदर्शनकारी नेता लालजी देवासी बोले कि प्रशासन दबाव बनाकर धरना खत्म करवाना चाहता है। हम तब तक नहीं हटेंगे, जब तक सभी 10 मांगें लिखित में स्वीकार नहीं कर ली जातीं। महापड़ाव के कारण गुजरात, जोधपुर, जयपुर जाने वाले सैकड़ों वाहन प्रभावित हो रहे हैं। प्रशासन ने वैकल्पिक मार्गों पर भी पुलिस तैनात कर दी है, लेकिन यात्रियों और मालवाहकों की परेशानी लगातार बढ़ रही है। समुदाय के लोग दावा करते हैं कि दशकों से उपेक्षित इन समुदायों की यह अब तक की सबसे बड़ी लड़ाई है और पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं है।
