राजस्थान में सड़क दुर्घटनाओं पर पूर्व CM अशोक गहलोत ने जताई चिंता, भजनलाल सरकार से की ये अपील

BHILWARA
Spread the love


Rajasthan News: राजस्थान में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गहरी चिंता व्यक्त की है।

राजस्थान में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गहरी चिंता व्यक्त की है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने पोस्ट में गहलोत ने कहा कि रोजाना आने वाली सड़क दुर्घटनाओं की खबरें मन को विचलित कर रही हैं। इन हादसों में ज्यादातर युवा या एक ही परिवार के कई सदस्य जान गंवा रहे हैं।

हादसों से पूरा परिवार बर्बाद- गहलोत
गहलोत ने लिखा कि कोई भी दिन ऐसा नहीं बीत रहा जब प्रदेश में 10-15 लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत न हो रही हो। इन दर्दनाक हादसों से पूरा परिवार बर्बाद हो रहा है। मानसिक, शारीरिक और आर्थिक तीनों स्तरों पर अपूरणीय क्षति हो रही है। उन्होंने याद दिलाया कि सड़क दुर्घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए देश की सर्वोच्च न्यायालय ने भी स्वत: संज्ञान लिया है और इसे राष्ट्रीय संकट की श्रेणी में रखा है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने वर्तमान भजनलाल सरकार से फिर आग्रह किया कि सड़क सुरक्षा के मुद्दे पर और अधिक गंभीरता दिखाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मैं पुनः सरकार से आग्रह करता हूं कि इस विषय पर और अधिक गंभीर होने की आवश्यकता है। सड़क इंजीनियरिंग में सुधार, ट्रैफिक प्रबंधन को दुरुस्त करना, ओवरलोडिंग और ओवरस्पीडिंग पर सख्ती, शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई जैसे कदम तुरंत उठाए जाएं।

अशोक गहलोत ने आम जनता से भी हाथ जोड़कर भावुक अपील की। उन्होंने लिखा कि सड़क पर चलते समय यातायात नियमों की पालना और रफ्तार पर काबू बेहद आवश्यक है। मैं सभी से विनम्र निवेदन करता हूं कि तेज रफ्तार में वाहन न चलाएं, सीट बेल्ट और हेलमेट का उपयोग जरूर करें, मोबाइल का इस्तेमाल न करें और सभी यातायात नियमों का पालन करें। एक पल की लापरवाही पूरी जिंदगी छीन लेती है।

सड़क हादसों में खतरनाक बढ़ोतरी
गौरतलब है कि राजस्थान में पिछले कुछ महीनों से सड़क हादसों में खतरनाक बढ़ोतरी देखी जा रही है। पिछले सालों में ही हजारों लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हो चुकी है। सबसे ज्यादा हादसे जोधपुर, जयपुर, उदयपुर, सीकर, नागौर और अलवर जिलों में हो रहे हैं। अधिकांश हादसों का कारण तेज रफ्तार, ओवरटेकिंग, शराब पीकर गाड़ी चलाना और खराब सड़क डिजाइन बताया जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट की रोड सेफ्टी कमिटी लगातार राजस्थान सहित सभी राज्यों को सड़क सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने का निर्देश दे रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ट्रैफिक पुलिस की संख्या बढ़ाई जाए, हाईवे पर रडार और CCTV कैमरे लगाए जाएं और ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को और सख्त किया जाए तो हादसों में कमी लाई जा सकती है।