बिजौलिया।
सरकार की बहुप्रचारित नेशनल मिशन ऑन एडीबल ऑयल—तिलहन योजना का उद्देश्य देश को खाद्य तेलों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। योजना के तहत बिजौलिया ब्लॉक में लघु एवं सीमांत किसानों को सोयाबीन बीज (JS-20116) का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है, लेकिन जमीनी स्तर पर इसके क्रियान्वयन में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं।
शुक्रवार को बिजोलिया कृषि विभाग के उदयलाल कोली ने प्रेस नोट जारी कर बताया की, इस योजना में किसानों को जमाबंदी की नकल के आधार पर प्रति हेक्टेयर 80 किलो बीज दिया जाना है । योजना के तहत 300 क्विंटल बीज का आवंटन किया गया है, जिसका वितरण ऊपरमाल फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी के ज़रिए किया जा रहा है।
जमीनी सच्चाई: किसानों को कम मात्रा में दिया बीज :
बीज वितरण कार्यक्रम में शामिल गोविंद निवास निवासी हीरालाल धाकड़ ने बताया की “मेरे पास ढाई हेक्टेयर भूमि है, लेकिन मुझे सिर्फ 50 किलो बीज ही मिला। नियमानुसार मुझे बीज नहीं दिया गया है ।
इसी तरह गोपालपुरा के भागीरथ कराड़ और गोविंद निवास के नारायण धाकड़ ने भी कम बीज दिए जाने की शिकायत की है।
सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार को आयोजित वितरण कार्यक्रम में करीब 100 किसानों को बीज वितरित किया गया, लेकिन उसमें भी लगभग 3,000 किलो बीज का वितरण रोका गया या अधूरा रह गया।
अधिकारी बोले – “शनिवार को दे देंगे बकाया बीज :
ऊपरमाल फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी के सीईओ प्रमोद कुमार धाकड़ ने शिकायतों को स्वीकार करते हुए कहा की “आपके बताने पर शनिवार को जिन किसानों को कम बीज मिला है, उन्हें वापस बुलाकर बकाया बीज दे दिया जाएगा।”
नोडल अधिकारी का गैर-जिम्मेदाराना बयान :
ब्लॉक नोडल सहायक कृषि अधिकारी उदयलाल कोली ने कहा की “मेरी निगरानी में बीज वितरण हुआ है। एक हेक्टेयर पर 80 किलो और आधे पर 40 किलो बीज देना तय है। अगर किसी को कम मिला है तो उन्हें शनिवार को बुलाकर दे देंगे।” मैंने नियमानुसार बीज वितरण के लिए ऊपरमाल फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी के सीईओ को भी कहा है ।
लेकिन जब उनसे यह पूछा गया कि किसानों को दोबारा बुलाकर वितरण करने से असुविधा क्यों दी जा रही है, तो उनका जवाब चौंकाने वाला था: उन्होंने कहा “मेरे रिटायरमेंट में सिर्फ एक महीना बचा है, कृपया ऐसी खबर मत चलाइए।”
यह बयान एक सरकारी अधिकारी की जवाबदेही और संवेदनशीलता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
जिला कृषि विभाग आया हरकत में
जब यह मामला भीलवाड़ा कृषि विभाग के सहायक निदेशक विनोद कुमार जैन के संज्ञान में आया, तो उन्होंने तुरंत कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा “अगर किसानों को कम बीज दिया गया है, तो शनिवार को जांच के लिए अधिकारी भेजा जाएगा। यदि अनियमितता पाई गई तो दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।”
